Lieutenant General Rajiv Ghai: लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सोमवार 09जून को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटजी) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह एक नया और महत्वपूर्ण पद है, जो सेना के ऑपरेशंस, इंटेलिजेंस, स्ट्रैटजिक प्लानिंग और सूचना युद्ध जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की देखरेख करता है। इसके साथ ही, वे अपने मौजूदा पद डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के पद पर भी कार्यरत रहेंगे। बता दें, राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की रणनीतिक और निर्णायक कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई थी।
भारत-पाकिस्तान युद्धविराम वार्ता
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के रूप में ऑपरेशन बुनियान-उम-मारसूस शुरू किया, जो सिर्फ आठ घंटों में विफल हो गया। 10मई को पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने लेफ्टिनेंट जनरल घई से हॉटलाइन पर संपर्क कर युद्धविराम की अपील की। घई ने इस बातचीत का नेतृत्व किया, जिसके बाद दोनों पक्षों ने 10मई 2025को शाम 5:00बजे से युद्धविराम पर सहमति जताई।
कौन हैं राजीव घई?
बता दें, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने दिसंबर 1989में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून से कमीशन प्राप्त किया और कुमाऊं रेजिमेंट में शामिल हुए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC) के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों और सीमा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में एक बटालियन, उत्तरी सीमाओं पर एक ब्रिगेड और डिवीजन की कमान भी संभाली है।
04 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें उत्तम युद्ध सेवा पदक (UYSM) से सम्मानित किया। जो उनकी विशिष्ट सेवा और ऑपरेशन सिंदूर में नेतृत्व के लिए दिया गया। इसके अलावा, उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) और सेना मेडल (SM) जैसे अन्य प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त हैं।