पुणे। पुणे सीपी अमितेश कुमार ने कहा कि घटना के बाद प्राथमिक तौर पर 304 का मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद में धारा 304 जोड़ी गई थी। उसी दिन हमने उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया और उनसे आरोपी के वयस्क की तरह व्यवहार करने का आग्रह किया है। वयस्क मानने का आदेश पारित होने तक हम आरोपी को रिमांड ऑब्जर्वेशन होम में रखना चाहते थे। हमारे दोनों आवेदन उसी दिन खारिज कर दिए गए थे। किशोर न्याय अधिनियम के तहत हमने उसके माता-पिता और पब मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अमितेश कुमार ने कहा कि हम दोनों मामलों की बारीकी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच कर रहे हैं। हम एक पुख्ता मामला बना रहे हैं। माइनर को कोई तरजीह दिए जाने के आरोपों पर कहा कि इन आरोपों की जांच कर रहे हैं। पीड़ितों को न्याय मिलेगा और आरोपियों को सजा मिलेगी। हमने मामले में एक विशेष वकील नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे अदालत में मामले को मजबूती से रखा जा सके।
पुलिस स्टेशन में पिज्जा पार्टी की होगी जांच
अमितेश कुमार ने कहा कि हमारे पास पब में शराब पीते हुए सीसीटीवी फुटेज हैं। कहने का मतलब ये है कि ब्लड रिपोर्ट के आधार पर हमारा मामला कमजोर नहीं पड़ता है। हमारे पास अन्य सबूत भी हैं। ऐसा भी नहीं था कि वे सभी इतने नशे में थे कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। उनके आचरण के कारण धारा 304 जैसी घटना हो सकती है। पुलिस स्टेशन में पिज्जा पार्टी के बारे में कोई तथ्य नहीं है।
ड्राइवर ने किसके दबाव में बदला बयान
अमितेश कुमार ने कहा कि ड्राइवर ने अपना बयान बदलने की कोशिश की है। हम इसकी भी जांच कर रहे हैं। यह सच है कि शुरुआत में ड्राइवर ने कहा था कि वह कार चला रहा था। हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि ड्राइवर ने किसके दबाव में यह बयान दिया।