– अगले पांच साल और सितम ढाएगी गर्मी
– वैश्विक तापमान का औसत 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने के आसार
– 2023-2027 की अवधि के दौरान सिर्फ एक प्रतिशत थी संभावना
नई दिल्ली। उत्तर भारत में लोग लू और गर्मी का प्रकोप झेल रहे हैं। आने वाले सालों में यह स्थिति और खतरनाक होने वाली है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने बुधवार को चेतावनी दी है। डब्ल्यूएमओ ने कहा कि 47 फीसदी संभावना है कि अगले पांच साल के दौरान वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगा। पिछले वर्ष की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2023-27 के दौरान ऐसा होने की संभावना एक प्रतिशत है।
हर साल वैश्विक औसत तापमान बढ़ेगा
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने कहा, ‘2024 से 2028 के बीच हर साल वैश्वित औसत सतह तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने और 1850-1900 की बेसलाइन से 1.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है।’ 80% संभावना है कि अगले पांच सालों में एक साल ऐसा होगा जब तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होगा। डब्ल्यूएमओ ने भविष्यवाणी है कि कम से कम एक साल तापमान 2023 से अधिक रहेगा। पिछला साल सबसे गर्म वर्ष रहा है।
2015 में वायु प्रभावों को खराब होने से रोकने के लिए देशों ने वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे करने पर सहमति व्यक्त की थी। ग्रीन हाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता के कारण पृथ्वी का तापमान 1.15 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है।
मई का महीना रहा सबसे ज्यादा गर्म
यूरोपीय संघ की जलवायु सेवा ने कहा कि पिछला महीना अब तक का सबसे गर्म महीना रहा। संस्थान ने कहा, पिछले माह सतह के हवा का तापमान 15.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो अनुमानित मई के औसत से 1.52 डिग्री ज्यादा है।