नई दिल्ली । नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम यानी एनईईटी परीक्षा में धांधली और पेपर लीक के आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग रोकने से इनकार कर दिया। साथ ही एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। एनटीए का जवाब मिलने के बाद 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता छात्रों की मांग थी कि नीट परीक्षा रद्द की जाए। साथ ही काउंसलिंग भी रोकी जाए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि परीक्षा की गोपनीयता प्रभावित हुई है, इसलिए उसे एनटीए से जवाब की जरूरत है।’
परीक्षा में धांधली की आशंका उस समय उठी थी, जब कुछ छात्रों ने 720 में से 718 और 719 अंक हासिल किए। नीट की मूल्यांकन पद्धति के अनुसार ऐसा होना संभव नहीं है।
साथ ही, जिन 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं, जिनमें से आठ छात्र हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से थे।
अब छात्रों का आरोप था कि परीक्षा का पूरा संचालन मनमाने तरीके और चुनिंदा छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने के इरादे से किया गया है।
इस बीच, अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में छात्र दिल्ली में एनटीए के दफ्तर के बाहर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं एनटीए ने परीक्षा में धांधली के आरोपों का खंडन किया है।