Manipur Violence: पिछले दिनों सुरक्षाबलों और कुकी आतंकवादियों के बीच हुए मुठभेड़ के बाद मणिपुर में हालात एकबार फिर खराब होते दिख रहा है। प्रदेश के कई हिस्सों में फिर हिंसा शुरु हो गई है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सरकार को पांच जिलों में कफ्यू लगाना पड़ा है। दरअसल, बीते दिनों जिरीबाम जिले की एक नदी में लापता हुए 6 लोगों की लाश मिली। जिसके कुछ घंटों बाद ही प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव शुरु कर दिया। शनिवार को उपद्रवियों ने तीन मंत्रियों और 6 विधायकों के घर पर हमला बोल दिया। इस हमले पर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी चिंता जताई है।
मृतकों में तीन महिलाए शामिल
मृतकों के बारे में आशंका जताई जा रही है कि ये 11 नवंबर को सुरक्षा बलों द्वारा 10 ह्मार लोगों के मारे जाने वाले स्थान के पास विस्थापित मैतेई लोगों के शिविर से गायब हुए छह लोग हैं। सुरक्षा बलों ने मारे गए लोगों को उग्रवादी बताया था जबकि कुकी-ज़ो समुदाय का कहना है कि वे ग्रामीण स्वयंसेवक थे। पीड़ितों में 25 वर्षीय महिला और उसके दो छोटे बच्चे, 31 वर्षीय महिला और उसकी बेटी और 60 वर्षीय महिला शामिल हैं।
शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
आरोप है कि कुकी उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए असम के सिलचर भेज दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों और विधायकों पर बढ़ती हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कई क्षेत्रों में AFSPA को फिर से लागू किए जाने का भी विरोध किया। भाजपा विधायकों के घरों पर हमला किया गया, जिनमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह, रघुमणि सिंह और सपम कुंजकेश्वर शामिल थे।
The recent string of violent clashes and continuing bloodshed in Manipur is deeply disturbing.
After more than a year of division and suffering, it was the hope of every Indian that the Central and State governments would have made every effort at reconciliation and found a…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 16, 2024
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने X पर एक पोस्ट में कहा कि, ‘मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों और लगातार हो रहे रक्तपात ने देश को झकझोर कर रख दिया है। पिछले एक साल से अधिक समय से राज्य में विभाजन और पीड़ा का माहौल है। हर भारतीय की उम्मीद थी कि केंद्र और राज्य सरकारें सामंजस्य स्थापित करने और समाधान खोजने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। एक बार फिर, प्रधानमंत्री से अपील है कि वह मणिपुर का दौरा करें और क्षेत्र में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए काम करें। इस कठिन समय में वहां के लोगों को सहयोग की जरूरत है।