Petrol-Diesel Price: देश में सोमवार को पेट्रोल और डीजल को लेकर एक अहम फैसला हुआ। सरकार ने इन दोनों पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) बढ़ा दी है। अब पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपये प्रति लीटर ज्यादा टैक्स लिया जाएगा।
बता दें कि, यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि आम लोगों पर इसका असर नहीं होगा। यानी फिलहाल पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ेंगे।
क्या है एक्साइज ड्यूटी और क्यों है जरूरी?
एक्साइज ड्यूटी एक टैक्स होता है। यह केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगाती है। यह टैक्स इन ईंधनों की कीमत का बड़ा हिस्सा होता है। अभी पेट्रोल पर 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लग रही है। साल 2014 में यह टैक्स पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। समय के साथ इसमें कई बार बढ़ोतरी हुई है।
ग्राहकों को राहत, कीमतें नहीं बढ़ेंगी
सरकार ने कहा है कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतें नहीं बढ़ेंगी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सरकारी तेल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों से ज्यादा पैसे न लें। इसका मतलब है कि पेट्रोल पंप पर पुराने रेट ही लागू रहेंगे।
पहले भी घटाई गई थी एक्साइज ड्यूटी
साल 2021 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी ₹27.90 और डीजल पर ₹21.80 प्रति लीटर थी। मई 2022 में सरकार ने इसमें कटौती की थी। पेट्रोल पर ₹8 और डीजल पर ₹6 कम किए गए थे। उसके बाद से ही अभी तक वही दरें लागू थीं।
भारत में पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइस लगभग ₹32 प्रति लीटर है। इसके ऊपर केंद्र सरकार करीब ₹33 एक्साइज ड्यूटी लेती है। फिर राज्य सरकारें अपने-अपने टैक्स (वैट और सेस) जोड़ती हैं। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें तीन गुना तक हो जाती हैं।