• फार्मले की हेल्दी स्नैकिंग रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 65% लोगों ने मखाने को अपना पसंदीदा सुपरफूड बताया है
• 55% से ज्यादा उपभोक्ता अब ऐसे स्नैक्स की तलाश में हैं जिनमें कोई प्रिज़र्वेटिव न हो, जबकि 52% लोग रिसीलेबल और पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग को प्राथमिकता देते हैं
• लगभग 45% उपभोक्ताओं को ऐसे स्नैक पसंद हैं जो चलते-फिरते खाए जा सकें, जैसे बार्स या ड्राई फ्रूट बेस्ड डेज़र्ट।
• नमकीन विकल्पों में मखाना और फ्लेवर वाले ड्राई फ्रूट्स सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।
महेन्द्र कुमार सिंह
Makhana News : नई दिल्ली। फार्मले ने अपनी हेल्दी स्नैकिंग रिपोर्ट 2025 जारी की है और इसका साफ इशारा है कि भारत में मखाना लोगों का सबसे पसंदीदा सुपरफूड बन चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, 65% लोगों ने मखाने को अपना पहला पसंदीदा हेल्दी स्नैक बताया। यह रिपोर्ट इंडियन हेल्दी स्नैकिंग समिट 2025 में लॉन्च की गई है। इसमें अलग-अलग उम्र, शहरों और पेशों से जुड़े लोगों से जानकारी जुटाकर भारत की बदलती स्नैकिंग आदतों को समझाया गया।
आज के उपभोक्ता सिर्फ स्वाद या आदत से नहीं खा रहे। 55% से ज्यादा लोगों ने कहा कि वे अब प्रिज़र्वेटिव-फ्री यानी बिना केमिकल वाले स्नैक्स ही चुनते हैं। 52% लोगों के लिए पैकेजिंग भी बहुत मायने रखती है। वे रिसीलेबल और पर्यावरण के अनुकूल पैकिंग को पसंद करते हैं। अगर बात नमकीन स्नैक्स की करें, तो रोस्टेड और फ्लेवर वाले ड्राई फ्रूट्स सबसे आगे हैं। 36% लोगों ने इन्हें सबसे पसंदीदा बताया, जबकि 19% ने खासतौर पर मखाने को चुना। इसका बढ़ता क्रेज सरकार की उस योजना से भी जुड़ा है जिसमें 2025-26 के बजट में बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की गई है।
हालांकि नए स्नैक्स की डिमांड बढ़ रही है, पर पुराने फेवरेट्स अब भी टिके हुए हैं। 14% लोग अब भी चिप्स और वेफर्स को पसंद करते हैं, वहीं 10% नमकीन और 9% मल्टीग्रेन स्नैक्स जैसे खाखरा को चुनते हैं। मीठे स्नैक्स में भी बदलाव दिख रहा है। चॉकलेट अब भी सबसे पॉपुलर है, लेकिन पीनट बटर, हेज़लनट और पिस्ता जैसे हेल्दी और नट-बेस्ड फ्लेवर अब ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।
आज की तेज़-रफ्तार जिंदगी में करीब 45% उपभोक्ता ऐसे स्नैक चाहते हैं जो आसानी से खाए जा सकें जैसे ड्राई फ्रूट बेस्ड डेज़र्ट या एनर्जी बार। खासकर शहरों में कामकाजी लोग ऐसे विकल्प चुन रहे हैं जो हेल्दी भी हों और झंझट से दूर भी।
फार्मले के को-फाउंडर आकाश शर्मा ने कहा, “इस साल की रिपोर्ट में साफ दिखता है कि लोग अब आदत से नहीं, मकसद से स्नैक करते हैं। वे अब स्वाद और सेहत दोनों चाहते हैं। फार्मले ऐसे स्नैक बनाता है जो टेस्टी भी हों और जिनसे कोई गिल्ट न हो।”
खरीदारी का तरीका भी बदल रहा है। लोग अब भी दुकानों से खरीदते हैं, लेकिन क्विक कॉम र्स और सोशल मीडिया पर मिलने वाली सलाह से लोग नए प्रोडक्ट्स आजमा रहे हैं। जेन ज़ी और मिलेनियल्स बड़े उम्र के लोगों के मुकाबले हर हफ्ते दोगुने स्नैक्स ऑनलाइन मंगवाते हैं (43% बनाम 28%)। वहीं छोटे शहरों में लोकल ब्रांड्स का भरोसा बढ़ा है। ये ब्रांड्स भले ही बड़े विज्ञापन न करें, लेकिन अच्छी क्वॉलिटी और लोकल जुड़ाव से लोगों का भरोसा जीत रहे हैं।
कुल मिलाकर, भारत में स्नैकिंग अब और ज्यादा समझदारी से हो रही है। लोग अब भी स्वाद चाहते हैं, लेकिन सेहत और ज़िम्मेदारी से जुड़ी चीज़ों को भी उतनी ही अहमियत दे रहे हैं और मखाना इस बदलाव का सबसे बड़ा सितारा बनकर उभरा है।