इंदौर। इंदौर को स्वाद की राजधानी का दर्जा दिलाने वाली सराफा चौपाटी को लेकर सोना-चांदी बेचने वाले कारोबारी विरोध में है। इसे लेकर नगर निगम में मेयर ने बैठक ली थी। जिसमें चौपाटी के दुकानदार और सराफा कारोबारी शामिल हुए। मेयर ने बैठक में कहा कि निगम यह फैसला ले चुका है कि सराफा चौपाटी नहीं हटेगी। यह इंदौर की पहचान है, लेकिन चौपाटी में सुरक्षा और लगने के समय का ध्यान रखा जाएगा।
बैठक में सराफा व्यापारियों ने कहा कि पहले चौपाटी में परंपरागत व्यंजनों की दुकानें लगती थी। दुकानदार अपने घरों से व्यंजन बनाकर लाते थे, लेकिन अब वहां पर व्यंजन बनाए जाते है। इससे आग लगने का खतरा बना रहता है। दुकानों में लाखों रुपये के जेवर रखे रहते है। इसके अलावा चौपाटी लगाने के लिए दुकानदार जल्दी आ जाते है, जबकि अब सोने-चांदी खरीदने के लिए ग्राहक रात में भी आते है।
इस कारण चौपाटी के कारण हमारा धंधा प्रभावित हो रहा है। हम चाहते है कि चौपाटी को सराफा के बजाए कही और शिफ्ट किया जाए। मेयर भार्गव ने कहा कि सराफा चौपाटी विश्व प्रसिद्ध है। वह इंदौर की पहचान है। वह परंपरागत व्यंजनों के साथ सुरक्षित तरह से लगे। हम यह चाहते हैै। सराफा चौपाटी हटा नहीं सकते। चौपाटी लगने का समय क्या होगा, उसे नियमित करेंगे।उन्होंने कहा कि यह बात एक दम स्पष्ट है कि सराफा इंदौर की धरोहर है। इंदौर को स्वाद की राजधानी बनने में सराफा की बड़ी भूमिका है। यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए चौपाटी का संचालन होगा। उसका समय तय होगा। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि सराफा कारोबारियों का भी नुकसान न हो। हमने सराफा चौपाटी के संचालन के लिए एक कमेटी भी गठित की थी। उसकी रिपोर्ट में भी सुरक्षा पर जोर दिया गया।