150 लोगों का हुआ सफल रेस्क्यू : बादल फटने से एक सौ से अधिक लापता बताए गए
प्रधानमंत्री मोदी ने धराली आपदा का लिया अपडेट, केन्द्र से हरसंभव मदद का दिया भरोसा
सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, पुलिस व प्रशासन मुस्तैदी से जुटे राहत व बचाव आप्रेशन में
(महेंद्र कुमार सिंह)
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) – उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र अंतर्गत धराली गांव में बादल फटने की घटना से उत्पन्न भयावह आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है। इस आपदा से प्रभावित क्षेत्र में राज्य और केंद्र की तमाम एजेंसियां पूरी सक्रियता के साथ जुटी हुई हैं। कठिन मौसम परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले चुके हैं। उन्होंने पीड़ितों से भेंट कर उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री रातभर उत्तरकाशी में ही रहकर राहत कार्यों की सीधी निगरानी करेंगे।
आपदा की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत कर राहत प्रयासों की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया है।
बचाव कार्यों में सेना, ITBP, NDRF, पुलिस और प्रशासन की टीमें संयुक्त रूप से दिन-रात जुटी हैं। अब तक 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि सौ से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद जमीनी निरीक्षण भी किया। उन्होंने राहत कार्यों में लगे कर्मचारियों से मुलाकात कर कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने जानकारी दी कि दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य सामग्री और राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई गई है, जिससे संकटग्रस्त लोगों को तत्काल सहायता मिल सके।
राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर तैनात कर दिए हैं। चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से भारी मशीनें भी आपदा क्षेत्र में भेजी गई हैं ताकि अवरुद्ध सड़कों को खोला जा सके। सेना के 125 अधिकारी और जवान, और ITBP के 83 कर्मी राहत अभियानों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। BRO की टीम भी 100 से अधिक श्रमिकों के साथ सड़क मार्ग बहाल करने के कार्य में लगी हुई है।
स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ मनोचिकित्सकों को भी उत्तरकाशी भेजा गया है ताकि पीड़ितों को मानसिक रूप से भी सहयोग दिया जा सके।
इस भीषण संकट में SDRF, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों ने भी तेजी से मोर्चा संभाला है। हर्षिल, झाला और जीएमवीएन में अस्थायी राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं। क्षेत्र में बाधित विद्युत आपूर्ति और संचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। NIM और SDRF की टीमें लिम्चागाड़ में अस्थायी पुल निर्माण में जुटी हुई हैं ताकि संपर्क मार्गों को शीघ्र चालू किया जा सके।
सरकार ने राहत कार्यों में बेहतर समन्वय के लिए तीन वरिष्ठ IAS अधिकारियों के साथ दो IG और तीन SSP स्तर के पुलिस अधिकारियों को विशेष रूप से उत्तरकाशी भेजा है। प्रशासन, सुरक्षा बल और आपदा प्रबंधन इकाइयों के समन्वित प्रयासों से आपदा से प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों को तेजी देने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।

