नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की नेता और पूर्व सीएम आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निजी स्कूलों को लेकर लाए गए बिल पर भाजपा सरकार को घेरा। आप नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा सरकार निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए बिल लेकर आई है। आगे कहा कि निजी स्कूलों की बढ़ाई गई फीस का अभिभावक विरोध कर रहे थे। जिसके बाद भाजरा सरकार ने अप्रैल में कहा कि वह बिल लेकर आ रहे हैं। लेकिन यह बिल चार महीने के बाद अगस्त में लाया गया। इसमें इतना समय क्यों लगा और इस बिल के लिए किसी से राय क्यों नहीं ली गई?
आप प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि कमेटी के पास न कोई सीए है और ना कोई ऑडिटेट अकाउंट है तो प्राइवेट स्कूलों में फीस तय करने का फैसला कोई कमेटी कैसे करेगी? स्कूलों के टीचर कहेंगे कि हमारी सैलरी बढ़ानी है, तो अभिभावक इसमें क्या करेंगे? इसका साधारण तरीका यह था कि दिल्ली के 1677 स्कूलों का सरकार हर साल ऑडिट कराए। ऑडिट को सार्वजनिक किया जाए ताकि स्कूल को कितना फायदा या घाटा हुआ है, अभिभावकों को पता चल सके। इसके मुताबिक फीस घटाई या बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने स्कूल फीस बिल में कई संशोधन करने के के लिए कई सुझाव दिए हैं। प्राइवेट स्कूल के खिलाफ शिकायत करने के लिए 15 फीसद अभिभावकों की अनिवार्यता को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाा कि भाजपा प्राइवेट स्कूल मालिकों के साथ मिली हुई है।