राज्यमंत्री लोधी ने बताया कि मध्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ–साथ पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित की जा रहा है। ग्वालियर के पर्यटन श्रेत्र में निवेश को नया आयाम मिलेगा। ‘टाइमलेस ग्वालियर: इकोज ऑफ कल्चर, स्पिरिट ऑफ लेगेसी’ थीम पर आधारित ये कॉन्क्लेव पर्यटन निवेश, सांस्कृतिक धरोहर, अनुभवात्मक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि कॉन्क्लेव में होटल, रिसोर्ट, वेलनेस और ईको-टूरिज्म क्षेत्र के निवेशकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) प्रदान किए जाएंगे, एमओयू एवं अनुबंध होंगे। इन परियोजनाओं से स्थानीय समुदाय को पर्यटन आधारित रोजगार प्राप्त होगा और क्षेत्रीय पर्यटन को स्थायित्व के साथ बल मिलेगा। क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण घाेषणाएं होंगी। विशेष पर्यटन प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें मध्यप्रदेश के विविध पर्यटन स्थलों, पर्यटन इकाइयों, हॉस्पिटैलिटी ब्रांड्स, होम स्टे, रिसॉर्ट्स, हैंडलूम/हैंडीक्रॉफ्ट, साहसिक गतिविधियों और सांस्कृतिक धरोहरों को समर्पित स्टॉल लगाए जाएंगे।
प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में दो महत्वपूर्ण सत्र होंगे। “टूरिज्म इज अ कल्चरल ब्रिज– ब्रांडिंग ग्वालियर एंड हार्टलैंड ऑफ एमपी” विषय पर पैनल डिस्कशन होगा। इसमें ग्वालियर की सांस्कृतिक धरोहर, शास्त्रीय संगीत और स्थापत्य कला को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की रणनीतियों पर विचार होगा। दूसरा पैनल डिस्कशन ‘ग्वालियर एंड चंबल राइजिंग– इनबाउंड अपील थ्रू हेरिटेज, लग्जरी एंड एक्सपीरियंस’ विषय पर केंद्रित होगा, इसमें विरासत, लग्जरी स्टे, डेस्टिनेशन वेडिंग और अनुभवात्मक पर्यटन जैसे नए आयामों पर संवाद होगा।