– अटल बिहारी वाजपेयी थे भाजपा के पहले अध्यक्ष
– भाजपा में अब तक 11 नेता बन चुके पार्टी प्रमुख
– वर्तमान में जेपी नड्डा हैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मंत्रिपरिषद का गठन हो चुका है और नई सरकार ने काम करना शुरू भी कर दिया है। अब सभी की निगाहें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की ओर टिकी है। कुछ दिनों में नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी।
बता दे कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। भाजपा के नियम के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो पदों पर नहीं रह सकता, ऐसे में अब भाजपा का नया अध्यक्ष बनाया जाएगा। हालांकि, पार्टी नया अध्यक्ष किसे बनाएगी, यह फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का बदलना तय है।
लोकसभा चुनाव 2019 के बाद जेपी नड्डा भाजपा के अध्यक्ष बने थे। उनका कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म भी हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया गया। वहीं आगामी माह में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव भी होने हैं, ऐसे में इससे पहले भाजपा के नए अध्यक्ष की ताजपोशी हो जाएगी।
वैसे तो भाजपा में वोटिंग के जरिए अध्यक्ष पद का चुनाव किया जाता है, लेकिन खास बात यह है कि जब से पार्टी बनी है, तब से अब तक अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वोटिंग की नौबत नहीं आई और आपसी सहमति से ही अध्यक्ष का चयन कर लिया गया। आपको यहां बताते हैं कि कैसे वोटिंग के जरिए अथवा सर्वसम्मति के साथ अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।
ऐसे होता है राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
- भाजपा के संविधान की धारा 19 के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के इन सदस्यों द्वारा किया जाता है
- जिला इकाइयों द्वारा निर्वाचित सदस्य
- राज्य में पार्टी विधायकों द्वारा अपने में से चुने गए 10 प्रतिशत सदस्य
- राज्य के पार्टी के 10 प्रतिशत सांसद
- प्रदेश परिषदों द्वारा निर्वाचित सदस्य
- पार्टी के संसद सदस्यों द्वारा अपने में से चुए गए 10 प्रतिशत सदस्य
ऐसी है मतदान प्रक्रिया
- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए केन्द्रीय चुनाव अधिकारी द्वारा समय सारिणी जारी की जाती है।
- अध्यक्ष का निर्वाचन गुप्त मतदान प्रक्रिया के माध्यम से होता है।
- प्रदेश के कम से कम 50 प्रतिशत जिलों से प्रदेश परिषद सदस्यों का निर्वाचन हो जाने के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है।
- 50 प्रतिशत राज्यों में राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के निर्वाचन के बाद ही अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
ये बन सकेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष
राष्ट्रीय अध्यक्ष उसी व्यक्ति को बनाया जाएगा जो कम से कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य और कम से कम 15 वर्ष तक प्राथमिक सदस्य रहा हो।
भाजपा के संविधान के अनुसार निर्वाचक मंडल में से कोई भी बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अर्हता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव कर सकते हैं। यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हो।
निर्विरोध कैसे होता है चुनाव
भाजपा के संविधान के अनुसार निर्वाचक मंडल में से कोई भी बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अर्हता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव करते हैं। हालांकि इसके बाद भी चुनाव की तिथि घोषित की जाती है। प्रस्तावित नाम के बाद अगर कोई चुनाव लड़ना चाहे तो नामांकन दाखिल कर सकता है। वहीं सर्वसम्मत चुनाव की संभावना बनती है तो परिणाम की घोषणा दूसरे दिन मतदान के लिए निर्धारित समय पर की जाती है।
अब तक के भाजपा अध्यक्ष
कार्यकाल अध्यक्ष
1980-1986 अटल बिहारी वाजपेयी
1986-1991 लालकृष्ण आडवाणी
1991-1993 मुरली मनोहर जोशी
1993-1998 लालकृष्ण आडवाणी
1998-2000 कुशाभाऊ ठाकरे
2000-2001 बंगारू लक्ष्मण
2001-2002 जना कृष्णमूर्ति
2002-2004 वेंकैया नायडू
2004-2005 लालकृष्ण आडवाणी
2005-2009 राजनाथ सिंह
2009-2013 नितिन गडकरी
2013-2014 राजनाथ सिंह
2014-2020 अमित शाह
वर्तमान जेपी नड्डा