नई दिल्ली। संसद में आज विपक्षी दलों के हंगामे के बीच शिवराज सिंह चौहान ने विकसित भारत जी-राम-जी विधेयक पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार का जवाब सुनना ही नहीं चाहता। केंद्रीय कृषि मंत्री ने सरकार की तरफ से जारी आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने फंड का दुरुपयोग किया, लेकिन हमारी सरकार ने विकास कार्यों पर खर्च करने पर जोर दिया। शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि सरकार किसानों के साथ-साथ गरीबों के कल्याण के लिए विधेयक लाई है, जिसका विरोध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, सबसे पहले मैं पूज्य बापू (राष्ट्रपति महात्मा गांधी) के चरणों में प्रणाम करना चाहता हूं। बापू हमारी श्रद्धा हैं। बापू जी हमारे आदर्श हैं। बापू हमारी प्रेरणा हैं। बापू हमारे विश्वास हैं। इसलिए माननीय अध्यक्ष महोदय भारतीय जनता पार्टी ने अपने पंच निष्ठाओं में गांधी के सामाजिक-आर्थिक दर्शन को स्थान दिया है। हम गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले हैं। गांधी जी ने ही कहा था कि गांव भारत की आत्मा है। अगर गांव मर जाएंगे, भारत मर जाएगा।
‘किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करते’
कृषि मंत्री ने कहा, यह गांवों के विकास का विधायक है। माननीय प्रतिपक्षी सदस्यों ने कई तरह के आरोप लगाए। एक बात यह कही कि हम भेदभाव करते हैं। सारा देश हमारे लिए एक है। चेन्नई हो या गुवाहाटी, अपना देश-अपनी माटी। अलग भाषा-अलग वेष, फिर भी अपना एक देश। उन्होंने आगे कहा, मैं इनको बताना चाहता हूं कि अटल जी ने क्या कहा था। माननीय अध्यक्ष महोदय, हम देश के किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करते। हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था – यह देश हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं है, जीता-जाता राष्ट्र पुरुष है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सनक मोदी सरकार पर सवार नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने खानदान का महिमामंडन करने के लिए इन्होंने महात्मा गांधी की बजाय केवल नेहरू परिवार के नाम पर सरकारी योजनाओं का नामकरण किया। कांग्रेस पर खानदान के महिमामंडन में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए शिवराज ने कहा कि नेहरू परिवार के नाम पर योजनाओं के नाम रखे गए। उन्होंने दावा किया कि 25 नाम स्वर्गीय राजीव गांधी और 27 नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखे गए। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों, सड़कों, इमारतों, अवार्ड्स के नाम भी इसी खानदान के लोगों के नाम पर रखे गए।

