– वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया देश का आम बजट
– मोदी सरकार 3.0 के पहले आम बजट में हुई कई बड़ी घोषणाएं
– विपक्ष का आरोप है कि बजट से देश के आम लोगों में निराशा
नई दिल्ली । देश का विपक्ष लोकसभा में पेश आम बजट 2024-24 से खुश नहीं है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि सरकार ने गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोपों से इनकार किया है। इस बीच, इस मुद्दे पर बुधवार को विपक्ष ने संसद के बाहर और अंदर प्रदर्शन किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के नेताओं ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। इसमें सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव समेत तमाम बडे़ नेता शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘कई राज्यों को बजट में न्याय नहीं मिला है। हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं।’
लोकसभा में हंगामा, स्पीकर ने लगाई फटकार
वहीं, लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रश्नकाल नहीं चलने दिया। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने फटकार लगाई।
इससे पहले बजट पेश होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर विपक्ष दलो के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई थी। बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक-ओ-ब्रायन और कल्याण बनर्जी, द्रमुक के टीआर बालू, जेएमएम की महुआ माझी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और संजय सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए थे|
(मंगलवार को लोकसभा में बजट भाषण से पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण)
बजट से खुश नहीं विपक्ष, बनाई विरोध की रणनीति
बैठक में तय हुआ है कि सरकार के भेदभाव के खिलाफ विरोध जताया जाएगा।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी नेता संसद भवन का बाहर जुटेंगे।
प्रमुख विपक्षी नेता संसद भवन की सीढ़ियों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
कांग्रेस शासित राज्यों के CM 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे।
बजट पर यह है विपक्ष का विरोध
केंद्रीय बजट बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक था, जो संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के एकदम खिलाफ है। केंद्र सरकार को इसका पालन करना चाहिए था। – केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस नेता
सरकार का रवैया संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत है। बजट ने उन राज्यों को अंधकारमय बना दिया है, जहां गैर-भाजपा सरकारें हैं। हम संसद में विरोध प्रदर्शन करेंगे। – प्रमोद तिवारी, कांग्रेस सांसद