काठमांडू। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को नेपाल में कार्यवाहक सरकार का प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है। उन पर आंदोलनकारी समूह की मांगों को पूरा करते हुए नए चुनाव कराने की जिम्मेदारी होगी। सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले जेनरेशन-जेड (Gen Z) समूह के प्रतिनिधियों, सेना प्रमुख और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सहित कई हितधारकों के बीच गुरुवार आधी रात तक चली बातचीत बेनतीजा रही। हालांकि, कई सूत्रों ने बताया कि युवाओं के नेतृत्व वाले जेन-जेड समूह ने नए प्रधानमंत्री पद के लिए कार्की के नाम का प्रस्ताव रखा। राष्ट्रपति पौडेल शुक्रवार सुबह कार्की को नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं।
अब तक क्या-क्या हुआ?
- राष्ट्रपति के करीबी सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति वर्तमान राजनीतिक गतिरोध से निपटने के लिए अलग-अलग राजनीतिक नेताओं और संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं।
- नई सरकार बनाने के लिए दो विकल्पों पर विचार किया गया- संसद को भंग करना या उसे बरकरार रखना। हालांकि, आंदोलनकारी समूह संवैधानिक ढांचे के भीतर समाधान खोजने पर सहमत हो गया है।
- गुरुवार सुबह काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन कर लौट रहे भारतीय तीर्थयात्रियों को कथित तौर पर निशाना बनाया गया। तीर्थयात्री मंदिर के दर्शन से लौट रहे थे, तभी उत्तर प्रदेश पंजीकरण संख्या वाली उनकी बस पर हमला हुआ। हमलावरों ने बस पर पत्थर फेंके, उसकी खिड़कियां तोड़ दीं और यात्रियों से उनके बैग, नकदी और मोबाइल फोन लूट लिए। कई यात्री घायल भी हुए।
- इस बीच लोगों को दैनिक जीवन के लिए रात के कर्फ्यू में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक चार घंटे की ढील दी गई है। पूरे देश में सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू रहेंगे, जिसके बाद अगले दिन शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू फिर से शुरू होने से पहले दो घंटे का समय होगा।
- आज सुबह 9 बजे नेपाल के राष्ट्रपति भवन में बुलाई गई बैठक दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
- भारत की सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अब तक अंजिला खातून नामक एक महिला सहित 67 कैदियों को पकड़ा है। वे हिमालयी राष्ट्र में चल रही अशांति के बीच नेपाल की जेलों से भागने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर विभिन्न चौकियों के माध्यम से भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे।
- मृतकों की संख्या अब 51 हो गई है, जिनमें से 30 की मौत गोलियों से हुई है। बाकी 21 की मौत जलने, जख्मों और अन्य चोटों के कारण हुई है। मृतकों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
विदेशी नागरिकों के लिए वीजा और निकासी नियमों में ढील
नेपाल के अधिकारियों ने काठमांडू घाटी में जारी कर्फ्यू के कारण देश में फंसे विदेशी नागरिकों की सुविधा के लिए अस्थायी उपायों की घोषणा की है। आव्रजन अधिकारियों के अनुसार, जिन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के वीजा 8 सितंबर तक वैध थे, वे अब बिना अतिरिक्त शुल्क दिए निकासी परमिट प्राप्त कर सकते हैं और अपने वीजा को नियमित करा सकते हैं। उन मामलों में वीजा स्थानांतरण की व्यवस्था भी की गई है, जहां आगंतुकों ने अशांति के दौरान अपने पासपोर्ट खो दिए थे।
ओली का इस्तीफा स्वीकार, अब तक 34 की मौत
इससे पहले केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को उस वक्त प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था, जब सैकड़ों आंदोलनकारी भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद प्रदर्शकारी इस्तीफे की मांग करते हुए उनके कार्यालय में घुस गए। इस बीच सोशल मीडिया पर प्रतिबंध भी सोमवार रात हटा लिया गया। राष्ट्रपति पौडेल ने ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, लेकिन कहा है कि उनके नेतृत्व वाला मंत्रिमंडल नई मंत्रिपरिषद के गठन तक सरकार चलाता रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है।