abbas Ansari Gets Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को गैंगस्टर और समाज विरोधी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दी है। अब्बास अंसारी सितंबर 2024से जेल में बंद थे। जमानत शर्तों के साथ दी गई है।
बता दें कि,सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास पर रहने का आदेश दिया है। वह केवल पुलिस प्रशासन और जिला न्यायालय की अनुमति से ही मऊ जा सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें किसी भी लंबित मामले पर सार्वजनिक बयान देने से मना किया गया है। कोर्ट ने पुलिस को छह सप्ताह में अब्बास अंसारी के आचरण पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी।
अंसारी के खिलाफ कई मामले
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह शामिल थे, ने कहा कि अब्बास अंसारी को कई मामलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, उन्हें इस मामले को छोड़कर अन्य मामलों में जमानत मिल चुकी है।
कपिल सिब्बल ने किया जमानत का समर्थन
अब्बास अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जमानत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आरोप पहले दर्ज एफआईआर से मिलते-जुलते हैं, जिसे विवेक का प्रयोग न करने के कारण रद्द कर दिया गया था। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने अंसारी के आपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अंसारी गवाहों को धमका सकते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने ध्यान दिया कि गवाह पुलिस अधिकारी हैं, निजी गवाह नहीं हैं।
जमानत पर दी गई शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर निम्नलिखित शर्तें लगाई हैं:
1- अंसारी को लखनऊ में रहना होगा।
2- वह बिना अनुमति के मऊ नहीं जा सकते।
3- वह बिना कोर्ट की मंजूरी के उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ सकते।