केरल। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बहुत सारे अधिकारी भ्रष्ट हैं। उन्होंने कहा कि यह एजेंसी अब अपना असली काम करने के बजाय केंद्र सरकार के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही है। यह बयान उन्होंने तब दिया, जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि हाल ही में केरल की भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी (वीएसीबी) ने ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ मामला क्यों दर्ज किया है। सतीसन ने आरोप लगाया कि ईडी देशभर में कई लोगों को नोटिस भेजती है और फिर बिचौलियों के जरिए उनसे करोड़ों रुपये लेकर मामला निपटा देती है। उन्होंने कहा, मैं यह नहीं कह रहा कि ईडी के सारे अफसर भ्रष्ट हैं, लेकिन एक बहुत बड़ा तबका भ्रष्ट है। एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए बनी थी, लेकिन अब तक इसके एक फीसदी मामले भी हल नहीं हुए हैं। अब यह सिर्फ राजनीतिक मामलों में काम कर रही है और केंद्र सरकार के राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है। सतीसन ने यह भी कहा कि ईडी अधिकारी के खिलाफ हालिया मामला इसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने दावा किया कि केरल में सत्तारूढ़ माकपा और भाजपा के बीच मिलीभगत है और दोनों एक-दूसरे के भ्रष्टाचार के मामलों को दबा रहे हैं।
कोच्चि स्थित ईडी कार्यालय के एक अधिकारी को एक कारोबारी की शिकायत पर वीएसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में मुख्य आरोपी बनाया है। आरोप है कि उस कारोबारी से दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी, ताकि उसे ईडी के मामले में आरोपी न बनाया जाए। वीएसीबी ने बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल है। चार्टर्ड अकाउंटेंट को शनिवार को पकड़ा गया, बाकी दो को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।ईडी का अधिकारी अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ है, लेकिन वह इस मामले का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है।