– मप्र में तैयार हो चुका है लोक सुरक्षा कानून का प्रारूप
– शिवराज सरकार के दौरान हुई थी कानून बनाने की तैयारी
– असामाजिक गतिविधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी
इंदौर। मध्यप्रदेश में लोक सुरक्षा बिल 2024 का प्रारूप तैयार कर लिया गया है और पूरी उम्मीद है कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इस बहुचर्चित विधेयक को पेश कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि तत्कालीन शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान लोक सुरक्षा कानून की तैयारी शुरू की गई थी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सत्ता संभालने के बाद संभागीय समीक्षा के दौरान उन्होंने इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।
लोक सुरक्षा कानून से मजबूत होगी कानून व्यवस्था
लोक सुरक्षा कानून के लागू होने से प्रदेश में कानून व्यवस्था पहले की तुलना में काफी ज्यादा मजबूत हो जाएगी। इस कानून के तहत कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे असामाजिक गतिविधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।
इस कानून के तहत ये जरूरी प्रावधान
कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पताल सहित ऐसे स्थानों के संचालकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, जहां 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं।
इस कानून के तहत संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को 2 माह के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। यदि विशेष स्थिति में इसकी मांग की जाती है तो संस्थान इनकार नहीं कर सकते हैं।
संस्थानों को स्वयं के खर्च पर ही सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। दरअसल अभी तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं था और निजी संस्थानों से रिकॉर्डिंग प्राप्त करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी।
लोक सुरक्षा कानून के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था शुरुआत में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे शहरों से होगी। बाद में इसका विस्तार अन्य शहरों में होगा।