दिल्ली के परिवहन मंत्री श्री कैलाश गहलोत ने आज सरोजिनी नगर में दुनिया के पहले महिला बस डिपो ‘सखी डिपो’ का उद्घाटन किया। विश्व स्तर पर यह अपनी तरह का पहला अभूतपूर्व पहल है। सखी डिपो में ड्राइवर और कंडक्टर सहित सभी कर्मचारी महिलाएँ ही होंगी।
उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, श्री कैलाश गहलोत ने महिला कार्यबल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा:
“’सखी डिपो’ न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान परिवहन क्षेत्र में महिलाओं द्वारा सभी बाधाओं को तोड़ने का एक प्रमाण भी है। यह डिपो बस शुरुआत है; हमारा लक्ष्य ‘सखी’ पहल के तहत दिल्ली भर में ऐसे कई डिपो स्थापित करना है, जो पूरे देश में महिलाओं को समान अवसर प्रदान करें और उन्हें प्रेरित करें।”
‘सखी डिपो’ की विशेषताएंसरोजिनी नगर सखी डिपो में कुल 223 महिला कार्यबल हैं, जिनमें 89 ड्राइवर और 134 कंडक्टर शामिल हैं। डिपो 70 बसों का बेड़ा संचालित करता है, जिसमें 40 वातानुकूलित (एसी) और 30 गैर-एसी बसें शामिल हैं, जो दिल्ली भर में 17 मार्गों पर सेवा प्रदान करती हैं।
‘सखी डिपो’ तक का सफ़र‘सखी डिपो’ की स्थापना परिवहन मंत्री श्री कैलाश गहलोत का पुराना सपना था। हालाँकि, इस सपने को हकीकत में बदलने का सफर कई चुनौतियों से भरा रहा।
एक महत्वपूर्ण बाधा महिला ड्राइवरों के लिए ऊंचाई की आवश्यकता थी। 159 सेमी की मूल न्यूनतम ऊंचाई की आवश्यकता के कारण कई महिलाएँ ड्राइवर नहीं बन पा रही थीं। परिवहन मंत्री श्री कैलाश गहलोत के प्रयासों से फरवरी 2022 में ऊंचाई की आवश्यकता को घटाकर 153 सेमी कर दिया गया। महिला ड्राइवरों की सुविधा के लिए, बसों को पावर स्टीयरिंग, समायोज्य सीटों और स्टीयरिंग विकल्पों से सुसज्जित किया गया।
भारी मोटर वाहन (एचएमवी) लाइसेंस प्राप्त करने की चुनौती से निपटने के लिए, दिल्ली सरकार ने मिशन परिवर्तन शुरू करने के लिए अप्रैल 2022 में अशोक लीलैंड के साथ साझेदारी की। इस पहल के अन्तर्गत दिल्ली सरकार और अशोक लिलैंड द्वारा महिला ड्राइवरों के लिए मुफ्त प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित हुई।
ट्रेनिंग के बाद 11 महिला ड्राइवरों का पहला बैच अगस्त 2022 में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में शामिल हो गया। समय के साथ, महिला ड्राइवरों की संख्या बढ़ती गई, वर्तमान मे 89 महिला ड्राइवर डीटीसी में बस चला रहीं हैं।
‘सखी डिपो’ का ऐतिहासिक महत्व
पहले सरोजिनी नगर डिपो के नाम से जाना जाने वाला सखी डिपो दिल्ली के परिवहन इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अप्रैल 1954 में उद्घाटन किया गया यह दिल्ली का पहला बस डिपो था। महान स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के नाम पर बनाया गया यह डिपो प्रगति और सशक्तिकरण का प्रतीक है।
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली की पहली महिला बस ड्राइवर श्रीमती वंकदावथ सरिता ने 10 अप्रैल, 2015 को डीटीसी जॉइन किया और सरोजिनी नगर डिपो से अपनी यात्रा शुरू की।
‘सखी’ पहल का भविष्य
सखी डिपो दिल्ली भर में महिला डिपो बनाने की व्यापक दृष्टि में पहला कदम है। ये डिपो ‘सखी’ पहल के अंतर्गत आएंगे, जिसका उद्देश्य कार्यबल में महिलाओं को सशक्त बनाना और सार्वजनिक परिवहन में समान अवसर प्रदान करना है।
‘सखी डिपो’ के लॉन्च के साथ, दिल्ली ने न केवल लैंगिक समानता की दिशा में एक साहसिक कदम उठाया है, बल्कि दुनिया भर के शहरों के लिए एक मिसाल कायम की है।