BPSC Controversy: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को लेकर छात्र-छात्राओं का आंदोलन लगातार जारी है। छात्र-छात्राओं की मांग है कि परीक्षा पूरी तरह से रद्द की जाए और फिर से सभी अभ्यर्थियों की परीक्षा ली जाए। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है।
सोमवार को दिल्ली से पटना लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंगलवार को डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्था है। यह अपने फैसले खुद लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। राज्य सरकार ने BPSCको पूरी स्वतंत्रता दी है, और आयोग को छात्रों के हित में निर्णय लेने का अधिकार है।
गांधी मैदान में छात्रों का प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं ने रविवार को गांधी मैदान में जुटने के बाद सीएम हाउस की ओर मार्च किया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और फिर लाठीचार्ज कर दिया। इस पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्होंने सरकार से बातचीत की है। साथ ही राज्य के मुख्य सचिव छात्र-छात्राओं से बात कर रहे हैं। चिराग ने लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायक भी मंगलवार को राजभवन मार्च कर रहे हैं। BPSCपरीक्षा विवाद अब राजनीतिक रूप से एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, और सभी की निगाहें राज्य सरकार के फैसले पर टिकी हैं।