Ex RTO Constable Saurabh Sharma Surrender: मध्य प्रदेश के पूर्व RTO अधिकारी सौरभ शर्मा ने कोर्ट के समाने सरेंडर कर दिया है। सरेंडर के बाद कोर्ट ने सौरभ से संबंधित डायरी मंगवाई है। साथ ही अब इस मामले की सुनवाई कोर्ट मंगलवार को करेगी। गौरतलब है कि IT, ED और लोकायुक्त लगातार सौरभ शर्मा को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी। लेकिन वो अभी तक जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर था। 18 दिसंबर को परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ अरेरा कॉलोनी स्थित ठिकानों पर लोकयुक्त पुलिस ने छापा मारा था। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस को करोड़ों रुपए की संपत्ति मिली थी। साथ ही उनके दोस्तचेतन सिंह गौर के कार से सोना भी बरामद हुआ था।
कांन्स्टेबल के पद पर थी तैनाती
लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद के मुताबिक, सौरभ सर्मा के पिता सरकारी डॉक्टर थे और उनकी 2015 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद साल 2015 में ही सौरभ शर्मा का अनुकंपा के आधार पर राज्य परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति हुई थी और साल 2023 में उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इन्हीं 8 सालों की नौकरी के दौरान सौरभ शर्मा ने भ्रष्ट रुप से अकूत धन अर्जित किया। उसने भ्रष्टाचार से अर्जित किए धन से अपने मां, पत्नी, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगी चेतन गौड़ और शरद जायसवाल के नाम पर स्कूल और होटल खोला।
अकूत संपत्ति का है मालिक
सौरभ शर्मा की पोल तब खुली जब 18 और 19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के घर और कार्यालय पर छापेमारी की। इस दौरान लोकायुक्त के ठिकानों से 7.89 करोड़ रुपए नगद और गहने मिले, जिसमें 2 क्विंटल से अधिक चांदी के ईंटें भी शामिल हैं। इसके बाद इस मामले में आयकर विभाग और ED की भी एंट्री हुई। जब जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के करीबियों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की तो बैंक से 4 करोड़ रुपए बरादम हुआ। इसके अलावा 23 करोड़ रुपए की संपत्ति और 6 करोड़ रुपए की FD भी पकड़ी थी। साथ ही कई फर्म और कंपनियों के जरिए किए गए निवेश का भी खुलासा हुआ था।