New Delhi: मोदी सरकार ने देश में रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने 1.07 लाख करोड़ रुपये के एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इन्सेंटिव (ईएलआई) स्कीम को मंजूरी दे दी है। यह योजना खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस करेगी। सरकार का मानना है कि इन योजनाओं से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी और शोध को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकार ने मंगलवार को रोजगार सृजन, कौशल बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Employment Linked Incentive Scheme) को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत ₹1.07 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसका विशेष फोकस निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र पर रहेगा।
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बारे में जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। इस योजना का उद्देश्य दो वर्षों में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नए रोजगार के अवसर सृजित करना है। इसके साथ ही, योजना के अंतर्गत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।
शोध और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़
सरकार ने देश में शोध, नवाचार और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए बड़े फैसले लिए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को जानकारी दी कि केंद्रीय कैबिनेट ने रिसर्च डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) स्कीम को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत देश में शोध को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन वाली योजना को तैयार करने से पहले अनुसंधान राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन (ANRF) ने दुनिया के कई देशों के सफल शोध मॉडलों का अध्ययन किया। इनमें अमेरिका, इजरायल, सिंगापुर और जर्मनी जैसे देशों के मॉडल शामिल हैं। इन देशों में शोध से लेकर प्रोडक्ट बनाने तक की जो मजबूत व्यवस्था है, उसी से सीख लेते हुए भारत में यह नई योजना तैयार की गई है। सरकार का मानना है कि इससे देश में न केवल शोध को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इनोवेशन के जरिए नए उद्योगों को भी मजबूती मिलेगी।