(महेंद्र कुमार सिंह)
नई दिल्ली। नाबार्ड के नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय ने 44वें स्थापना दिवस के अवसर पर स्मरणीय कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें श्री रोहित पी. दास, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, नई दिल्ली, मुख्य अतिथि के रूप में और श्री शैलेन्द्र सिंह परिहार, विशेष सचिव (वित्त), एनसीटी दिल्ली सरकार, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर नैबकॉन्स के प्रबंध निदेशक डॉ. हर गोपाल यांद्रा, एएफसी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री मशर वेलापुराथ, एसएलबीसी दिल्ली के महाप्रबंधक श्री राजेश कुमार और सिडबी के महाप्रबंधक श्री नटराजन रामचंद्रन विशिष्ट अतिथि कई रूप में व नाबार्ड, नैबकॉन्स और भागीदार संस्थानों के कई गणमान्य व्यक्तिगण, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई तदोपरांत उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा इस अवसर पर केक काटा गया।
नाबार्ड, नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबंधक/प्रभारी अधिकारी, श्री नवीन कुमार राय ने अपने स्वागत वक्तव्य में ग्रामीण परिदृश्य को बदलने में नाबार्ड की चार दशक की लंबी यात्रा पर विचार किया। उन्होंने एसएचजी-बैंक लिंकेज प्रोग्राम (एसएचजी-बीएलपी) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) जैसे नवाचारों के माध्यम से ग्रामीण वित्त और कृषि को आकार देने में संस्थान के अग्रणी प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पैक्स कंप्यूटरीकरण, पैक्स को बहु-सेवा केंद्र में बदलने और सहकार सारथी और सार्वजनिक सेवा केंद्र जैसी पहल को बढ़ावा देकर सहयोग मंत्रालय के “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को साकार करने में नाबार्ड की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने भौगोलिक संकेत (जीआई) पंजीकरण समर्थन के विस्तार के लिए अपना दृष्टिकोण को साझा करते हुये ग्रामीण विकास परिदृश्य को समृद्ध करने में वित्तपोषण की उभरती क्षमता को भी रेखांकित किया.
डॉ. हर गोपाल यांद्रा, प्रबंध निदेशक नैबकॉन्स ने अपने संबोधन में नाबार्ड में अपनी लगभग तीन दशकों की यात्रा को याद करते हुये ग्रामीण संस्थागत ढांचे को मजबूत करने के लिए अप्रत्यक्ष वित्तपोषण, पुनर्वित्त और विकास क्षेत्रों में नाबार्ड के कार्यों को चिह्नित किया.
जीएनसीटीडी के विशेष सचिव (वित्त), श्री शैलेन्द्र सिंह परिहार ने नाबार्ड द्वारा जमीनी स्तर पर किये जा रहे कार्य की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने नाबार्ड के कार्य को प्राचीन ऋषि-मुनियों के कार्य से तुलना करते हुये कृषि को आधुनिक तकनीक के साथ मिश्रित करके आजीविका और पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने में नाबार्ड के महत्व को दर्शाया। उन्होंने भविष्य की सहयोगी पहलों के लिए जीएनसीटीडी और नाबार्ड के बीच अभिसरण को बढ़ावा देने में गहरी रुचि व्यक्त की और राज्य सरकार से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री रोहित पी. दास ने नाबार्ड को उसके 44वें स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई दी और एक प्रमुख विकास वित्तीय संस्थान के रूप में इसकी विशिष्ट भूमिका की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास, जमीनी स्तर पर ऋण वितरण और ग्रामीण सहकारी बैंकों की देखरेख के क्षेत्रों में नाबार्ड के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला, जो सभी कृषि और ग्रामीण प्रगति में तेजी लाने में सहायक हैं। उन्होंने अधिक समान और प्रभावी प्राथमिकता क्षेत्र ऋण रणनीति सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में संभाव्यता युक्त ऋण योजना (पीएलपी) और वार्षिक क्रेडिट प्लान (एसीपी) लक्ष्यों के बीच बेहतर संरेखण की आवश्यकता व्यक्त की। समावेशी विकास के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने और ग्रामीण समृद्धि के लिए स्थायी प्रतिबद्धता में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया और विकसित भारत @ 2047 के दृष्टिकोण में योगदान देने में निरंतर सफलता की आशा व्यक्त की।
“नाबार्ड की यात्रा” शीर्षक से एक संक्षिप्त प्रस्तुति प्रदर्शित की गई, जिसमें प्रमुख उपलब्धियों और ग्रामीण विकास में नाबार्ड की उभरती भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
ग्रामीण कारीगरों और उत्पादकों को नाबार्ड के समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए, माँ धारितिरी टेराकोटा एंड एलाइड प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और फलाह हस्तशिल्प सोसायटी द्वारा दो प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए. दोनों को राजधानी में भौगोलिक संकेत (जीआई) पंजीकरण प्राप्त करने के लिए नाबार्ड से सहायता प्राप्त हुई है।
सभी हितधारकों से चर्चा हेतु एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), ग्रोफ्री एफपीओ और सत्या माइक्रो कैपिटल लिमिटेड, एनबीएफसी-एमएफआई के प्रतिनिधियों ने अपनी सफलता की कहानियां और अपनी विकास यात्रा में नाबार्ड द्वारा निभाई गई परिवर्तनकारी भूमिका को साझा किया।
कार्यक्रम का समापन नाबार्ड नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय के उप महाप्रबंधक श्री समीर एस. आठल्ये द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।