अजमेर। देश की चर्चित कोचिंग संस्थान ‘दृष्टि आईएएस’ के संचालक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में मंगलवार को अजमेर की न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 की अदालत में सुनवाई हुई। यह मामला उनके एक वीडियो IAS वर्सेस जज-कौन ज्यादा ताकतवर… में की गई कथित टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था। मामले को लेकर न्यायिक समुदाय में असंतोष फैल गया था।मंगलवार को डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को कोर्ट में सशरीर पेश होना था, लेकिन वे सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुए। उनके वकील की ओर से कोर्ट में हाजिरी माफी की अर्जी पेश की गई। दूसरी ओर परिवादी वकील कमलेश मंडोलिया की ओर से कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग करते हुए प्रार्थना-पत्र दाखिल किया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद विकास दिव्यकीर्ति के वकीलों को निर्देशित किया कि वे आगामी 2 अगस्त को उन्हें सशरीर अदालत में पेश करें। गौरतलब है कि डॉ. दिव्यकीर्ति के एक यूट्यूब वीडियो में उन्होंने IAS अधिकारियों को जजों की तुलना में अधिक ताकतवर बताया था, जिसे वकील समुदाय ने न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया। इसके बाद वकील कमलेश मंडोलिया ने अजमेर कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया। इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल ने मामले को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिव्यकीर्ति को नोटिस जारी किया था और कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। डॉ. दिव्यकीर्ति की ओर से इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है। उनके वकील पुनीत सिंघवी ने बताया कि दिव्यकीर्ति का यह मानना है कि उन्होंने किसी भी वर्ग की भावना को आहत करने का उद्देश्य नहीं रखा था और उनका बयान केवल शैक्षणिक संदर्भ में था। हालांकि, हाईकोर्ट में अब तक इस अपील पर सुनवाई नहीं हो पाई है। कोर्ट की सख्ती के बाद अब यह मामला और गंभीर होता जा रहा है। 2 अगस्त को विकास दिव्यकीर्ति को अदालत में स्वयं पेश होना होगा अन्यथा कोर्ट द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यह मामला न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक हलकों में भी व्यापक रूप से चर्चा का विषय बन गया है।