जयपुर। जयपुर के जगतपुरा इलाके में एक रिटायर्ड कस्टम अधिकारी की सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है। आरोपी कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि सामने सब्जी बेचने वाला कमलेश निकला, जिसने बैंक अकाउंट बैलेंस देखकर बुजुर्ग अफसर की जान ले ली। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने ऑनलाइन पेमेंट के दौरान मोबाइल स्क्रीन पर बैंक बैलेंस देख लिया था, यहीं से हत्या की प्लानिंग शुरू हुई। 88 वर्षीय ओमप्रकाश खोबर, जो दिल्ली और गुजरात में आयकर विभाग में अधिकारी रह चुके थे, जयपुर के लोटस विला अपार्टमेंट में अकेले रहते थे। 25 जुलाई की रात पुलिस को उनके फ्लैट में शव होने की सूचना मिली थी। पुलिस जब पहुंची तो ओमप्रकाश का शव बैड पर पड़ा था। गले पर खरोंच के निशान थे और मोबाइल गायब था। अगले दिन पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया गया लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई।इसके बाद उनकी बेटी सुषमा की ओर से हत्या का मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस ने मोबाइल की सीडीआर खंगाली और जांच आगे बढ़ाई। उसी दिन ओमप्रकाश के बैंक अकाउंट से तीन लाख रुपए की ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आरोपी कमलेश कुमार के खाते में मिली। यहीं से शक की सुई उस पर जाकर टिक गई। कमलेश कुमार शर्मा, जो अपार्टमेंट के सामने ही सब्जी की दुकान लगाता था, पुलिस की पूछताछ में लगातार झूठ बोलता रहा लेकिन जब पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन, मोबाइल की लोकेशन और अपार्टमेंट के सीसीटीवी फुटेज सामने रखे, तो उसने जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी ने बताया कि ओमप्रकाश सब्जी खरीदते समय ऑनलाइन पेमेंट करते थे। एक दिन उनके मोबाइल स्क्रीन पर बैंक बैलेंस देखकर उसे लालच आ गया। कमलेश ने बताया कि उसने चोरी-छिपे वीडियो बनाकर ओमप्रकाश का यूपीआई पिन पता कर लिया था। 25 जुलाई को सुबह 9:15 बजे ओमप्रकाश जब सब्जी लेने आए, तो वह उनके पीछे-पीछे अपार्टमेंट में चला गया और फ्लैट में गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद मोबाइल लेकर फरार हो गया और उसी से ट्रांजेक्शन की।शाम को जब घरेलू नौकरानी राधादेवी दोबारा काम करने पहुंची, तो उसने बैड पर ओमप्रकाश का शव देखा और शोर मचाया। सोसाइटी के लोग इकट्ठा हो गए, शव को फर्श पर लिटा दिया गया। हत्या की खबर फैलते ही आरोपी कमलेश भी मौके पर पहुंचा और खुद को सामान्य दिखाने के लिए छोटे-मोटे काम करता रहा। पुलिस के मुताबिक कमलेश हत्या के बाद भी खुद को निर्दोष दिखाने की कोशिश करता रहा लेकिन जब बैंक रिकॉर्ड, तकनीकी जांच और फुटेज में उसकी मौजूदगी सामने आई, तो वह टूट गया और पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया। मृतक ओमप्रकाश खोबर पिछले 14 साल से जयपुर में रह रहे थे। बेटी सुषमा ने बताया कि दिल्ली का प्रदूषण बढ़ने के चलते वे यहीं बस गए थे। हाल ही में 9 जुलाई को ही दिल्ली से लौटे थे और कहा था कि महीने के अंत तक वापस दिल्ली जाएंगे लेकिन उससे पहले ही यह हत्या हो गई।