जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल में गिरफ्तार किए गए जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट की शुक्रवार को रिहाई हो गई है। वह जेल से जब संभल पहुंचे तो लोगों ने जोरदार स्वागत किया। आतिशबाजी की गई और फूल मालाएं डालीं। सदर कार में खड़े होकर लोगों को हाथ हिलाते आगे बढ़े। सदर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस बयान में वह जेल गए हैं। वह बयान तो अब खत्म हो गया। अदालत की लड़ाई अब अदालत में देखी जाएगी।
जनता चाहेगी तो विधानसभा चुनाव भी लडूंगा
जेल से रिहा होकर घर पहुंचे जामा मस्जिद कमेटी सदर जफर अली एडवोकेट ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर जनता चाहेगी तो वह चुनाव लड़ेंगे। आगे कहा कि कोई भी लड़ाई लड़ने के लिए पावर होना जरूरी है। यदि मेरे हाथ में पावर होती तो मैं जेल नहीं जाता। इसलिए चुनाव का फैसला जनता को करना है।
जेल से रिहा होकर घर पहुंचे जामा मस्जिद कमेटी सदर जफर अली एडवोकेट ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर जनता चाहेगी तो वह चुनाव लड़ेंगे। आगे कहा कि कोई भी लड़ाई लड़ने के लिए पावर होना जरूरी है। यदि मेरे हाथ में पावर होती तो मैं जेल नहीं जाता। इसलिए चुनाव का फैसला जनता को करना है।