कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर तनाव गहराता जा रहा है। इसी बीच बीरभूम जिले के इलांबाजार में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। परिवार का कहना है कि वह अपने नाम के मतदाता सूची से हटने की आशंका से डरे हुए थे। यह पिछले 72 घंटों में राज्य में इस तरह की दूसरी आत्महत्या है, जिसने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। इससे पहले वाली आत्महत्या पर भी सीएम ममता ने कहा था कि लोग एसआईआर के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।
मजूमदार के परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह बीते कई दिनों से बेचैन थे क्योंकि 2002 की मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था। परिवार ने कहा कि वह अक्सर कहते थे कि अगर मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो क्या मुझे बांग्लादेश लौटना पड़ेगा परिवार का कहना है कि हाल में जब मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई, तो उनका डर और बढ़ गया। इसी तनाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
यह मामला पिछले तीन दिनों में पश्चिम बंगाल में दूसरी आत्महत्या का है। इससे पहले पनिहाटी के पास भी एक व्यक्ति ने इसी तरह की चिंता में आत्महत्या कर ली थी। वहीं, कूच बिहार में एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश की, जो फिलहाल अस्पताल में भर्ती है। इन घटनाओं ने मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर लोगों के बीच फैली अफवाहों और असमंजस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन की जांच जारी
स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और कहा है कि सभी पहलुओं की पड़ताल की जाएगी। हालांकि, अब तक चुनाव आयोग की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया को लेकर गलतफहमियों और जागरूकता की कमी के कारण लोग अनावश्यक भय में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना चाहिए ताकि नागरिकों में भरोसा कायम रह सके।
बता दें, हाल ही में चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ये एलान किया था कि 12 राज्य ओर केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस सूची में बंगाल का भी नाम था। शुरु से ही ममता सरकार इस एसआईआर का विरोध कर रही है। राज्य अबतक दो लोग आत्महत्या कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि ये दोनों आत्महत्याएं एसआईआर के खौफ के कारण हुई हैं।

