केरल। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने गुरुवार को दावा किया कि सरकार का पीएम श्री योजना की समीक्षा के लिए कैबिनेट उप-समिति बनाने का कदम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को धोखा देने का प्रयास है। सतीशन ने कहा कि यह समिति पहेल बनाई जानी चाहिए थी, न कि समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर के बाद। राज्य में भाकपा सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) का घटक दल है।
सतीशन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाली वाम सरकार के उस फैसले का जिक्र कर रहे थे जिसमें सहयोगी भाकपा के विरोध के बाद प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना का क्रियान्वयन रोक दिया गया। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बुधवार को कहा कि सरकार ने योजना के क्रियान्वयन का अध्ययन करने के लिए सात सदस्यीय कैबिनेट उप समिति बनाने का फैसला लिया है।
कांग्रेस नेता सतीशन ने दावा किया कि माकपा इस तरह के फैसले से अपने गठबंधन सहयोगी भाकपा को ‘धोखा’ दे रही है। उन्होंने कहा, योजना और इसके क्रियान्वयन का अध्ययन करने के लिए कैबिनेट उप-समिति समझौते पर हस्ताक्षर से पहले बनाई जानी चाहिए थी।
राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी कैबिनेट उप-समिति के अध्यक्ष होंगे। मंत्री के राजन, पी राजीव, रोशी ऑगस्टिन, के प्रसाद, के कृष्णंकुट्टी और एके ससींद्रन इसके सदस्य रहेंगे। योजना के क्रियान्वयन को रोकने और उप-समिति बनाने का सरकार का फैसला भाकपा के पीएम श्री के खिलाफ कड़े विरोध के बाद आया। भाकपा ने आरोप लगाया था कि यह राज्य में शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एंजेडा को लागू करने का रास्ता खोलेगा।

