अमेरिका। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हैं। बाइडन के दफ्तर की तरफ से जारी हालिया बयान के मुताबिक, बाइडन को पिछले हफ्ते ‘आक्रामक तरह’ के प्रोस्टेट कैंसर का पता चला, जो कि उनकी हड्डियों तक फैल चुका है। इस समस्या का पता लगने के बाद अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने संवेदना प्रकट की है और बाइडन को मजबूत नेता करार दिया है।
आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर जब बढ़ना शुरू होता है, तो यह प्रोस्टेट ग्रंथि को प्रभावित करता है। हालांकि, यहां यह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता। हालांकि, कुछ प्रोस्टेट कैंसर (जैसे कि बाइडन के मामले में) आक्रामक हो सकते हैं और तेजी से शरीर के अन्य अंगों और हड्डियों में भी पहुंच सकते हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि 2015 में जो बाइडन के एक बेटे- ब्यू बाइडन की कैंसर के चलते ही मौत हो गई थी। बाइडन के लिए यह घटना इतनी दुख देने वाली रही कि कई वर्षों तक उन्होंने इस मुद्दे पर बात तक नहीं की। हालांकि, अब 10 वर्ष बाद वे खुद इससे पीड़ित हो गए हैं। बाइडन की टीम के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति को पिछले हफ्ते ही प्रोस्टेट में एक गांठ का पता चला, जिससे उनकी मूत्र संबंधी समस्याएं बढ़ गई थीं। जांच के आधार पर पता लगा कि उनकी बीमारी हड्डियों तक फैल गई है। हालांकि, भले ही यह बीमारी अधिक आक्रामक है, लेकिन यह हार्मोन-संवेदनशील भी है। इसका प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है।
प्रोस्टेट नोड्यूल की खोज के बाद बाइडन के कई मेडिकल परीक्षण किए गए। परीक्षणों के दौरान ग्लीसन स्कोर 9 (ग्रेड ग्रुप 5) पाया गया। इससे बाइडन को उच्च श्रेणी का कैंसर होने की पुष्टि हुई। यह हड्डी में फैलने का यानी मेटास्टेसिस का संकेत देता है। उनका परिवार इलाज के तरीकों पर डॉक्टरों से परामर्श कर रहा है। बताया जाता है कि मेटास्टेसाइज्ड कैंसर (कई अंगों में फैले) कैंसर का इलाज लोकलाइज्ड (एक स्थान पर फैले) कैंसर के इलाज से मुश्किल होता है। क्योंकि लोकलाइज्ड कैंसर से उलट इसमें दवाओं का सभी ट्यूमर्स तक पहुंचना मुश्किल होता है, जिससे बीमारी को पूरी तरह खत्म करना भी समस्या बन जाता है।