बुरहानपुर। बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पर एक घटना ने न केवल यात्रियों को भावुक कर दिया, बल्कि मानवता और संवेदनाओं की अनूठी मिसाल भी पेश की। दिल्ली निवासी सुभाष यादव अपनी पत्नी और मासूम बेटी के साथ शिर्डी साईं बाबा के दर्शन कर लौट रहे थे। बुरहानपुर स्टेशन पर ट्रेन से उतरते ही अचानक सीने में दर्द हुआ और वे गिर गए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस दुखद घटना के समय सुभाष यादव के साथ केवल उनकी पत्नी और छोटी बेटी ही थी। सुभाष की अचानक मौत से पत्नी और बच्ची गहरे सदमे में थीं। ऐसे कठिन समय में पूर्व पार्षद और नगर निगम अध्यक्ष प्रतिनिधि अमर यादव ने न केवल परिवार को सहारा दिया, बल्कि अन्य जिम्मेदारियां भी निभाईं। अचेत अवस्था में सुभाष यादव को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अमर यादव ने अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था अपने स्तर से करवाई। लालबाग मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार की सामग्री से लेकर अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं उन्होंने स्वयं कीं।
इस दौरान सबसे भावुक क्षण तब आया जब सुभाष यादव की मासूम बेटी ने साहस दिखाते हुए अपने पिता को मुखाग्नि दी। उसने बेटे का फर्ज निभाकर सभी को भावुक कर दिया और यह साबित किया कि साहस उम्र का मोहताज नहीं होता। इस मार्मिक दृश्य ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। वहीं, सुभाष यादव की पत्नी ने रोते हुए उन सभी लोगों का आभार जताया, जिन्होंने इस कठिन समय में उन्हें सहारा दिया।