गाजियाबाद। सुबह नींद खुलने के बाद हमें चाय की तलब सबसे पहले लगती है। चाय की एक एक चुस्की के साथ जो सुकून मिलता है उसकी बात ही कुछ और है। इस चाय की एक खास बात और है कि ये आम से लेकर खास मुलाकात को भी यादगार बना देती है।
चाय की टपरियों पर चाय की चुस्की लेकर देश और विदेशों तक के मुद्दों पर चर्चा होती दिख जाती हैं। यहां तक कि जब दो परिवारों का आपस में सम्बन्ध जुड़ने वाला होता है तो उसकी शुरुआत भी एक कप चाय के साथ ही होती है। जीवन के तमाम रिश्तों की बुनियाद में चाय रूपी ईंट बेहद कमाल का काम करती है।
गाजियाबाद के राकेश मार्ग पर भी एक ऐसी चाय की टपरी हैस जिसे छोटू चलाता है। छोटू की चाय की खास बात ये है कि ये चाय मिनरल वाटर से बनती है। चाय के साथ ब्रेड, बन, बिस्कुट, रस और पेटीज चाय के मजे को और बढ़ा देते हैं।
विश्व चाय दिवस पर तो छोटू की टपरी की रौनक चाय के शौकीनों से और गुलजार हो रही थी। छोटू ने बताया कि वह चाहता है कि उसके पास जो भी चाय पीने आये उसे कुछ ऐसा स्वाद दिया जाए। जिससे वह हमें याद रख सके।
विश्व चाय दिवस के अवसर पर छोटू की चाय की टपरी पर मौजूद गुलमोहर एनक्लेव सोसायटी के निवासी गौरव बंसल, अजीत सिंह, अश्वनी, दिनेश सिंह, श्रीपाल और बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पीने को तो आदमी घर में ही चाय पी सकता है, लेकिन छोटू ने अपनी चाय का ऐसा स्वाद लोगों के दिमाग पर चढ़ाया है कि सब सुबह और शाम छोटू की चाय की चुस्की लेने कभी अकेले तो कभी अपनी मित्र मंडली को लेकर निकल पड़ते हैं।