– रियासी हमले के बाद सुरक्षाबल खंगाल रहे जंगल
– लश्कर कमांडर अबु हमजा-हदून और फौजी पर शक की सूई
जम्मू। रियासी में शिव खोड़ी यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद से आतंकियों की तलाश में पुलिस व सुरक्षा बलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। बड़े स्तर पर छेड़े गए इस अभियान में हेलीकॉप्टर, यूएवी, ड्रोन और कई अन्य अत्याधुनिक उपकरणों के अलावा खोजी श्वानों की मदद भी ली जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, 20 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा रही है। हर किसी में यह सवाल उठ रहा है कि घटना को अंजाम देखकर आतंकी किस तरफ गए होंगे।
11 सुरक्षाबल के दल खंगाल रहे जंगल
आतंकी घटना के बाद से पुलिस सेना और सीआरपीएफ द्वारा छेड़े इस संयुक्त अभियान में पुलिस व सुरक्षा बलों के 11 दल आपसी तालमेल बनाकर विभिन्न दिशाओं से घेराबंदी कर जंगलों को खंगाल रहे हैं। पुलिस के आला अधिकारी खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इस संयुक्त अभियान में पुलिस व सुरक्षा बलों का पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द आतंकियों को जीवित या फिर मुर्दा पकड़ा जा सके।
घटना को अंजाम देकर कहां छुप गए आतंकी
हमले के बाद छुप जाना भी इन्हीं आतंकियों की रणनीति में शामिल है। इसी तरह की रणनीति शिवखोड़ी यात्रियों पर हमले में भी अपनाई गई है। अब प्रश्न यह भी है कि घटना को अंजाम देकर आतंकी कहां जाकर छुप गए होंगे तो जिस तरह की भौगोलिक परिस्थितियों हैं उससे घटनास्थल से अलग-अलग दिशाओं में जंगली रास्तों से होते हुए कालीधार, सुंदरबनी, नौशहरा, राजौरी या फिर ठाकराकोट माहौर तथा उससे आगे पीर पंजाल और फिर घाटी तक भी पहुंचा जा सकता है।
90 के दशक में यह आतंकियों के आने-जाने की पारंपरिक रास्ते रहे हैं। इसके बीच के जंगल में कई पहाड़ी गुफाएं और ऐसी कंधराएं भी है जहां बारिश या फिर किसी भी मौसम में समय गुजारा जा सकता है। हालांकि पुलिस अधिकारी आतंकियों के बारे में कोई अधिक न बताकर इनपुट और सुराग मिलने के आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं।