Jhansi Medical College Incident: उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार देर रात हुई घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में भड़की आग के कारण 10 मासूम काल के गाल में शमा गए। इस घटना के प्रकाश में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटों में जांच रिपोर्ट मांगी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों और घायलों को आर्थिक मदद देने की भी घोषणा की है।
PM Modi announces Rs 2 lakh ex-gratia for kin of deceased in Jhansi fire incident
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— ANI Digital (@ani_digital) November 16, 2024
हालांकि, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के ICU वार्ड में लगी आग की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही थी। लेकिन अब इस मामले में एक और एंगल निकल कर सामने आया है। आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि नर्स ने ऑक्सीजन के पाइप को जोड़ने के लिए जैसे ही माचिस की तीली जलाई, वैसे ही वार्ड में आग भड़क गई। बता दें, जिस वक्त NICU में आग लगी, उस वक्त वार्ड 54 बच्चे भर्ती थे।
आग बुझाने वाला सिलेंडर था एक्सपायर
इस अग्निकांड के पीछे अस्पताल प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारी के अनुसार, जब NICU में आग भड़की तो ना ही फायर अलार्म बजा और ना ही आग बुझाने के लिए रखा सिलेंडर कोई काम आया। दरअसल, सिलेंडर पर फिलिंग डेट 2019 की लिखी है और एक्सपायरी डेट साल 2020 की है। यानी अस्पताल में रखी सिलेंडर को एक्सपायर हुए 4 साल हो गए थे। लेकिन अस्पताल प्रशासन की नजर इसपर नहीं गई। गौरतलब है कि अस्पताल में 54 नवजात शिशु भर्ती थे। इसमें से 10 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई और 17 गंभीर रुप से घायल हो गए। वहीं, बांकी बच्चों को मौके पर मौजूद लोगों ने बचा लिया था।