Patna HC on Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी की असफलता के कारण समय-समय पर नीतीश सरकार की आलोचना होती रहती है। आम लोगों से लेकर विपक्षी दलों तक ने शराबबंदी को वजह बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। अब पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी को लेकर सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट के जस्टिस पुर्णेदु सिंह ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब का अवैध कार्रवाई हो रही है। इसके साथ ही कोर्ट ने परिवहन, आबकारी, कर और पुलिस पर तल्ख टिप्पणी की है। गौरतलब है कि बिहार के किसी न किसी हिस्से में रोजना शराब की बरादमगी होती है। इसके साथ ही जहरीली शराब के सेवन से कईयों की जान चली गई है।
हाईकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
बिहार में शराबबंदी के बावजूद भी शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इस पूरे अवैध कारोबार में नेता से लेकर अधिकारियों तक का हिस्सा है। पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पूर्णेदु सिंह ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस, आबकारी, कर और परिवहन विभाग के लोग शराब पर रोक को पसंद कर रहे हैं क्योंकि इससे उनकी मोटी कमाई हो रही है। कोर्ट यहीं नहीं रुकी, उन्होंने आगे कहा कि शराबबंदी से गरीबों पर अत्याचार बढ़ा है औप पुलिस और तस्करों ने आपसी मिलीभगत से इसे अपनी कमाई का जरिया बना लिया है।
कोर्ट ने कहा कि शराबबंदी पुलिस के हथियार बन गई है। पुलिस अक्सर तस्करों के साथ मिलीभगत करती है। कानून से बचने के लिए नए-नए तरीके बनाए जा रहे हैं। कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि यह कानून मुख्य रुप से राज्य के गरीबों के लिए ही मुसीबत का कारण बन गया है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी माना कि शराबबंदी ककरने के पीछे सरकार की मंशा अच्छी थी। लेकिन कुछ वजहों के कारण शराबबंदी को इतिहास के चंद बुरे निर्णय की लिस्ट मे रखा जा रहा है।