Supreme Court On Pollution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने दिल्ली सरकार के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई। खासकर निर्माण श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन और उन्हें सहायता देने में सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से पूछा कि क्या उन्होंने अदालत के आदेश के बाद निर्माण श्रमिकों को रजिस्टर्ड कराने के लिए कोई नोटिस जारी किया था? मुख्य सचिव ने कहा कि वह संबंधित विभाग से पूछेंगे, लेकिन अब तक कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है।
कोर्ट का सवाल: क्या कदम उठाए गए हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद सवाल किया, “अगर नोटिस जारी नहीं किया गया तो फिर क्या कदम उठाए गए हैं?” दिल्ली के मुख्य सचिव ने बताया कि नोटिस जारी किया जाएगा और 35यूनियनों को सूचित किया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिकों का सत्यापन और पोर्टल पर दी गई जानकारी का मिलान जारी है। इस पर कोर्ट ने और कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा, “क्या दिल्ली सरकार को यह नहीं पता कि 90हजार से ज्यादा निर्माण श्रमिक हो सकते हैं, क्योंकि उसने इस बारे में कोई जांच नहीं की?”
मजदूरों को 2000रुपये का भुगतान, कोर्ट ने उठाए सवाल
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने बताया कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड 90,693श्रमिकों को 2,000रुपये प्रति श्रमिक की दर से भुगतान किया गया है। बाकी 6,000रुपये का भुगतान जल्द किया जाएगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, “क्या सिर्फ 2,000रुपये दिए गए? बाकी पैसे मजदूरों को क्यों नहीं दिए गए?” कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर यह जानकारी गलत पाई जाती है तो अवमानना नोटिस जारी किया जा सकता है।