Ziaur Rahman Barq Latest News: संभल के समाजवादी पार्टी सांसद जिया उर रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। गुरुवार को अहले सुबह संभल पुलिस के साथ बिजली विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी की। यह छापेमारी बिजली चेकिंग और नए मीटर की रीडिंग जांचने के लिए की गई। बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस दौरान सांसद बर्क के घर के अंदर लगे एसी समेत अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों के इस्तेमाल को देखा। और साथ ही बिजली विभाग के द्वारा बीते दिनों लगाए गए मीटर की रीडिंग भी नोट किया गया।
दरअसल, कुछ दिनों से संभल में बिजली चोरी पकड़ने के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में बिजली चोरी के मामले सामने आए हैं। इसी दौरान जब बिजली विभाग की टीम सांसद बर्क के आवास पर पहुंची तो उनके यहां लगे 2 मीटरों में टेंम्परिंग के सबूत मिले थे। जिसके बाद बिजली विभाग ने उन मीटर को सील करके जांच के लिए भेज दिया था। साथ ही उनके जगह नए मीटर लगा दिए थे। गौरतलब है कि सपा सांसद बर्क के घर में लगी मीटर की रीडिंग पिछले एक साल में जीरो थी। बिजली विभाग अब इस मामले में FIR दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
बिजली विभाग ने डाली दबिश
गुरुवार को बिजली विभाग के अधिकारियों ने सांसद बर्क के घरपर अगले सुबह दबिश डाली। इस दौरान सांसद के घर पर दो दिनों पहले लगे मीटरों की रीडिंग को चेक किया। साथ ही घर में लगे बिजली से चलने वाले उपकरणों की भी जांच की गई। इस मामले में संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने कहा, “बिजली चोरी के खिलाफ यह हमारा नियमित अभियान है। यह चेकिंग उसी के सिलसिले में है। ऐसे इनपुट थे कि उचित बिजली कनेक्शन और उसके एसओपी का पालन नहीं किया जा रहा था। इसलिए, हम इस संबंध में यहां हैं।”
दो दिनों पहले लगाया था नया मीटर
गौरतलब है कि दो दिनों पहले सांसद बर्क के घर लगे पुराने मीटर को सील करके नया मीटर लगाया गया था। साथ ही पुराने मीटर को सील करके लैब में जांच के लिए भेज दिया गया था। बिजली विभाग ने बताया था कि सांसद के परिसर में दो बिजली कनेक्शन हैं। एक कनेक्शन सांसद जिया उर रहमान के नाम पर रजिस्टर्ड दो किलोवाट का है, जो संपत्ति के सामने स्थित है। वहीं दूसरा कनेक्शन उनके दादा शफीकुर रहमान बर्क के नाम पर दो किलोवाट का है। दूसरे मीटर पर नाम उनके दादा की मृत्यु के बाद अपडेट नहीं किया गया था। अब उस मीटर को सील कर रहे हैं और इसकी स्थिति की जांच के लिए नोटिस जारी कर रहे हैं। जांच संबंधित पक्षों की मौजूदगी में होगी और पारदर्शिता के लिए प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।