Delhi Liquor Scam: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच एक बार फिर शराब घोटाला का मुद्दा बड़ा बन गया है। Comptroller and Auditor General of India (CAG) रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीजेपी आप पार्टी का घेराव कर रही है। बीजेपी का दावा है कि आप पार्टी के नेताओं को रिश्वत मिली है। इसी के साथ शराब नीति घोटाले से दिल्ली को 2 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
वहीं, बीजेपी के इस दावे पर AAP ने बड़ा पटलवार किया है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पूछा कि CAG रिपोर्ट कहां है? ये दावे कहां से आ रहे हैं?
शराब घोटाले से सरकारी खजाने को हुआ नुकसान
बीजेपी के सूत्रों की मानें तो CAG रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। CAG रिपोर्ट के अनुसार, शराब घोटाले से सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बीजेपी का कहना है कि इस पॉलिसी को लागू करने में गलती हुई है। इसी के साथ AAP नेताओं को रिश्वत भी मिली है। बता दें, यह पहली बार है जब शराब घोटाले से हुए नुकसान का आंकड़ा सामने आया है।
सिफारिशों को किया गया नजरअंदाज
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इससे पता चलता है कि मनीष सिसोदिया के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह (GOM) ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया था। उन्हें सजा नहीं दी गई। इसके बाद सभी संस्थाओं को बोली लगाने की अनुमति दी गई। लेकिन लाइसेंस जारी करने से पहले बोली लगाने वालों की वित्तीय स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया। कीमतों का निर्धारण भी सही तरीके से नहीं किया गया। जिस वजह से इसमें पारदर्शिता की कमी रही। कई अहम फैसलों पर कैबिनेट या उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं ली गई।
सरकारी खजाने पर पड़ा बोझ
CAG रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ रिटेल सेलर्स ने पॉलिसी की समय अवधि खत्म होने तक लाइसेंस को अपने पास रखा। वहीं कुछ सेलर्स ने समय पूरा होने से पहले ही इन लाइसेंस को वापिस कर दिया। सरकार ने सरेंडर किए गए रिटेल लाइसेंसों के लिए दोबारा टेंडर नहीं दिया। इससे सरकारी खजाने पर करीब 890 करोड़ का बोझ पड़ा। जोनल लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से सरकार को 941 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। लेकिन कोविड के कारण इन लाइसेंसधारियों को 144 करोड़ रुपये की लाइसेंस शुल्क छूट दी गई। जिससे सरकार को रेवेन्यू में कमी आई।