High Court Slams Delhi AAP Government: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर चर्चा में देरी के लिए फटकार लगाई। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुलाया ताकि रिपोर्ट को सदन में पेश करने से बचा जा सके।
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार की शराब नीति के कारण राजधानी को 2026करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ। बीजेपी का यह भी दावा है कि इस घोटाले में AAP के कई नेताओं को रिश्वत मिली है।
“आपकी ईमानदारी पर सवाल उठाता है रिपोर्ट पेश न करना”
हाई कोर्ट ने कहा कि कैग रिपोर्ट को विधानसभा अध्यक्ष के पास तुरंत भेजा जाना चाहिए था। अदालत ने देरी पर गंभीर चिंता जताते हुए इसे सरकार की ईमानदारी पर सवाल खड़ा करने वाला कदम बताया। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए दोपहर 2:30बजे का समय तय किया।
अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल को रिपोर्ट भेजने में देरी और मामले को जिस तरह से संभाला गया, उससे सरकार की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है।
AAP का जवाब: “चुनाव के नजदीक सत्र बुलाना सही नहीं”
आम आदमी पार्टी ने कोर्ट में दलील दी कि चुनावों के करीब विधानसभा सत्र बुलाना व्यावहारिक नहीं है। सचिवालय ने कहा कि फरवरी में विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है, ऐसे में कैग रिपोर्ट पेश करने का अब कोई खास उद्देश्य नहीं है।
बीजेपी के 7विधायकों ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका आरोप था कि AAP सरकार ने कैग की 14रिपोर्ट्स को सदन में पेश नहीं किया। सचिवालय ने तर्क दिया कि स्पीकर का सत्र बुलाने का अधिकार संविधान के तहत है और यह न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर है।