Shirish Maharaj Suicide: जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज के ग्यारहवें वंशज शिरिश महाराज मोर ने आत्यहत्या कर ली है। लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिरिश ने बुधवार को अपने प्राण त्याग दिए। ये बातें उनकी सुसाइड नोट से सामने आई है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच जांच शुरु कर दी है। पुलिस ने शिरिश महाराज के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि शिरिश महाराज अपने रूम में सोए थे। सुबह जब उनको उठाने के लोए परिवार के लोग गए तो उन्होंने अंदर जवाब नहीं दिया। जिसके बाद परिवार के लोगों ने कुछ देर बाद दरवाजा तोड़ दिया। दरवाजा तोड़ने के बाद परिजनों ने जब सामने की ओर देखा तो शिरिश महाराज पड़े थे। हालांकि, इसके बाद परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सुसाइड नोट में क्या है लिखा?
शिरिश महाराज के आत्महत्या की खबर सामने आते ही इलाके में सनसनी फैल गई है। इस घटना से देहुगांव में शोक की लहर दौड़ गई है। हालांकि, सुसाइड के पीछे आर्थिक तंगी बताया जा रहा है। शिरिश ने सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। बता दें, शिरिश महारात संत तुकारम के ग्यारवे वंशज हैं। उनके पास इडली रेस्त्रां भी था। अगले महीने उनकी शादी होनी थी। इनके परिवार में मां और पिता हैं। जानकारी के अनुसार, उनकी शादी अप्रैल या मई माह में होनी थी। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने आत्महत्या कर ली।
हिंदू हित की बात करते थे
सोशल मीडिया के द्वारा होने वाले धार्मिक प्रवचनों और संघ के स्वयंसेव और हिंदुओं को मार्गदर्शन करने के दौरान शिरीष महाराज यह अपील भी करते थे कि ”उन लोगों से खरीदारी करने से बचें जिनके माथे पर तिलक नहीं है अब तक की अपनी जीवन यात्रा के दौरान।” वह हिंदुओं पर हो रहे अन्याय और अत्याचार पर भी अक्सर टिप्पणी करते रहते थे। लव जिहाद, उद्योग जिहाद, भूमि जिहाद, खाद्य जिहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर भी उनकी टिप्पणियां काफी लोकप्रिय रही हैं।