US Illegal Migrants: अमेरिका की ट्रंप सरकार ने रविवार को तीसरा सैन्य विमान अमृतसर भेजा। इस विमान में कुल 112अप्रवासी भारतीय सवार थे। इन लोगों में सेना से रिटायर फौजी मंदीप सिंह भी शामिल है। जिन्होंने अपनी आपबीती सुनाते हुए एबीपी न्यूज से बातचीत की। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपनी पगड़ी उतारनी पड़ी? कैसे उन्हें प्रताड़ित किया गया?
मंदीप सिंह ने बताया डंकी रूट’ का सच
एबीपी न्यूज से बात करते हुए मंदीप सिंह बताते है कि हमें भारत भेजने से पहले हमारे पैरों में जंजीरें डाली गईं और विमान तक लाया गया। इसके बाद अमृतसर में उतरने से 30मिनट पहले उन्होंने हमें खोला और खाना दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि हमें देखकर ऐसा लगे कि हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया गया है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। मुझे अपनी पगड़ी से भी समझौता करना पड़ा। अमेरिका से अमृतसर तक हम अपनी पगड़ी उतारकर आए।
मौत के रास्ते का सफर बताते हुए अमेरिका पहुंचे मंदीप सिंह बताते है कि डंकी रूट के जरिए अमेरिका जाने का उनका फैसला गलत था। ये एक मौत का रास्ता है। जहां आपको फ्लाइट, गाड़ी और नदी से होते हुए जंगल और पहाड़ से गुजरना पड़ता है। हमें कई दिनों तक भूखे प्यासे रहना पड़ता था।
जिंदगी भर की कमाई लुटा बैठे रिटायर्ड फौजी
बता दें, 38वर्षीय मंदीप सिंह अमृतसर के मकबूलपुरा के रहने वाले हैं। उन्होंने 17साल भारतीय फौज में नौकरी की। लेकिन रिटायर होने के बाद उन्होंने अमेरिका जाने का फैसला किया। रिटायरमेंट के बाद उन्हें जो पैसा मिले थे, उसी के सहारे उन्होंने अपना सफर तय किया। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी लेकिन जिंदगी भर की कमाई को लुटा दिया।
उन्होंने बताया कि डंकी रूट से अमेरिका जाने के लिए उन्होंने कुछ एजेंटों को 40 लाख रुपए दिए थे। लेकिन उन्होंने हड़प लिए। अब मेरे पास कुछ नहीं बचा। मंदीप सिंह ने राज्य और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उन एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।