Yogi Adityanath On UP Budget 2025: उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में साल 2025-26 के लिए बजट पेश किया। उन्होंने इस बार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ का बजट पेश किया, जो पिछले साल के बजट से 9 फिसदी अधिक है। बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस वार्ता करके बजट से जुड़ी कई जानकारी साझा की। सीएम योगी ने कहा “यह हमारा लगातार नौंवा बजट है। यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यह देश के संविधान के लागू होने और उत्तरप्रदेश स्थापना का अमृत महोत्सव वर्ष है। प्रदेश के रोडमैप को बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण बजट है।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले सारे बजट की अलग-अलग थीम थी। योगी सरकार के हर बजट का एक लक्ष्य था। 2017 में पहला बजट अन्नदाता किसानों को समर्पित था। 2018-19 का बजट उत्तरप्रदेश के बीमारू राज्य से उबारकर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण औद्योगिक विकास को समर्पित था। 2019 का बजट महिला सशक्तिकरण को समर्पित था,महिला उत्थान के लिए हमने कई कार्य शुरू किए। 2020 का बजट उत्तरप्रदेश के युवाओं और रोजगार को समर्पित था,इसमे 2 करोड़ युवाओ को तकनीकी माध्यम से सशक्त बनाने के कार्य किये। 2021 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण की ओर था,आत्मनिर्भर ता के लक्ष्य पूर्ति के लिए था। 2022 का बजट अंत्योदय से आत्मनिर्भरता को समर्पित था। 2023 का बजट प्रदेश में आत्मनिर्भर को सुदृढ करने वाला। 2024 का बजट रामराज्य को संकलिप्त था, पहली बार 65 करोड़ पर्यटक प्रदेश मे आये। वहीं 2025 का बजट सनातन का है।
सीएम योगी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें
- प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है।
- नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है।
- व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा।
- इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।
- विगत 08 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं।
- लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 08 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।