Who is Ramji Lal Suman: रामजी लाल सुमन उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत दलित नेता के रूप में जाने जाते हैं। वे समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी की पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक (पीडीए) रणनीति का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। 1999से 2009तक वे फिरोजाबाद लोकसभा सीट से सांसद रहे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया और 2024में राज्यसभा भेजा।
हाल ही में वे बाबर-औरंगजेब विवाद के बीच राणा सांगा पर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं।
राणा सांगा पर बयान से गरमाई राजनीति
राज्यसभा में बोलते हुए रामजी लाल सुमन ने भाजपा की विचारधारा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “भाजपा बार-बार कहती है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। लेकिन भारत का मुसलमान बाबर को नहीं, बल्कि मोहम्मद साहब और सूफी-संतों को अपना आदर्श मानता है।”
उन्होंने दावा किया कि बाबर को भारत में लाने वाले राणा सांगा थे। उन्होंने आगे कहा, “अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो फिर तुम लोग गद्दार राणा सांगा की औलाद क्यों नहीं?”
छात्र राजनीति से लोकसभा तक का सफर
रामजी लाल सुमन का जन्म 25जुलाई 1950को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बहदोई गांव में हुआ। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा गांव में ही पूरी की और माध्यमिक शिक्षा हाथरस से प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए आगरा कॉलेज गए, जहां वे छात्र राजनीति से जुड़े।
आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें जेल जाना पड़ा। 1977में जेल से बाहर आने के बाद वे 26साल की उम्र में जनता पार्टी के टिकट पर फिरोजाबाद से सांसद बने।
सपा में अहम भूमिका, अखिलेश के भरोसेमंद सहयोगी
1991में चंद्रशेखर सरकार में श्रम कल्याण, महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री बने। 1993में समाजवादी पार्टी बनने के बाद वे मुलायम सिंह यादव के करीबी बन गए।उन्होंने 1999और 2004में फिरोजाबाद से सपा के टिकट पर जीत दर्ज की। इससे उन्होंने अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ साबित की।
आज वे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वे अखिलेश यादव के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। उनकी पहचान एक अनुभवी दलित नेता के रूप में बनी हुई है, जो सपा की पीडीए रणनीति को मजबूती दे रहे हैं।