Supreme Court News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप मामले में एक ऐसा फैसला सुनाया, जिस सुन हर कोई हैरान है। वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट को फटकार लगाई है। दरअसल, हाल ही में एक रेप केस में फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था ‘बलात्कार पीड़िता ने खुद ही मुसीबत को न्यौता किया है।’ जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले के आरोपी को जमानत दे दी थी।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली बेंच ने इस टिप्पणी को बेहद असंवेदनशील बताया। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज की रेप केस से जुड़ी टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एक बार को आरोपी को देने वाले फैसले को स्वीकार भी कर लिया जाए। लेकिन इस तरह की टिप्पणी की क्या जरूरत थी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला सितंबर 2024का है। जहां एक पीड़िता ने अपने साथ हुए रेप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। वहीं. अब हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को जमानत दे दी है। वहीं, पीड़िता के लिए कोर्ट ने कहा ‘महिला ने खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया है। इसलिए इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार है।’
सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट बुरी तरह से भड़का हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘जजों को ऐसे संवेदनशील मामलों में थोड़ा सोच-समझकर बोलना चाहिए।’ जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली बेंच का कहा कि आरोपी को जमानत देने वाला आदेश हम एक बार के भूल भी जाए। लेकिन महिला पर इक तरह की टिप्पणी करना एक जज को शोभा नहीं देता। उन्हें ऐसी टिप्पणी करने से पहले सौ बार सोच लेना चाहिए।