Murshidabad violence: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर शनिवार को मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचीं। धुलियां के राहत शिविर में जैसे ही वे पहुंचीं, वहां की महिलाएं रोने लगीं और जमीन पर लेटकर अपने साथ हुई घटनाएं सुनाने लगीं। महिलाओं ने बताया कि कैसे उनके घरों पर हमला हुआ और उन्हें बेघर कर दिया गया। रहाटकर ने कहा कि सभी पीड़ितों से बात करने के बाद ही वह अपनी प्रतिक्रिया देंगी।
बता दें कि,ये हिंसा 11अप्रैल को हुई, जब वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन हिंसक हो गया। मुर्शिदाबाद जिले में हुई इस घटना में तीन लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए। इसके बाद कई लोगों ने मालदा के वैष्णवनगर स्थित परलालपुर हाई स्कूल में बनाए गए शिविर में शरण ली।
राज्यपाल और NHRC ने भी की दौरे की पुष्टि
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी मालदा पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने राहत शिविरों, अस्पतालों और प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और कहा कि वे खुद रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेंगे। एनएचआरसी और महिला आयोग की टीमें भी मौके पर मौजूद रहीं।
पीड़ितों का आरोप – शिविर में अमानवीय हालात
शिविर में रह रहे कई लोगों ने कहा कि उन्हें बासी खाना दिया जा रहा है और पुलिस उन्हें बाहरी लोगों से बात नहीं करने दे रही। एक महिला ने कहा, “हमें सूखी रोटी और केले दिए जा रहे हैं। पुलिस रात में धमकी देती है।” पीड़ितों का कहना है कि उन्हें कैदियों जैसा महसूस कराया जा रहा है।
राजनीतिक घमासान भी तेज
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस घटना को राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा नेता और अभिनेता ने केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।