Martyr Surendra Kumar’s daughter: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के लाल और एयरफोर्स में असिस्टेंट मेडिकल सार्जेंट सुरेंद्र कुमार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के हमले में वीरगति प्राप्त की। सुरेंद्र कुमार की शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। शहीद की पार्थिव देह जब उनके पैतृक गांव मेहरादासी पहुंची, तो हर आंख नम थी और हर जुबां पर था – “भारत माता की जय”और “सुरेंद्र कुमार अमर रहें”।
गांव में गूंजा वीर सपूत का नाम
दोपहर 12बजे मंडावा से शुरू हुई तिरंगा यात्रा करीब दो घंटे तक गांव की गलियों से गुजरी। जयपुर से आई सैन्य टुकड़ी ने भी शहीद को सलामी दी। दिल्ली से सुबह 11:15बजे सड़क मार्ग द्वारा लाई गई पार्थिव देह को लोगों ने पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि दी।
पिता की मौत का बदला लूंगी
शहीद की पत्नी सीमा का करूण क्रंदन देखकर लोगों का दिल पसीज गया। वे अपने पति के गाल थपथपा कर बार-बार उन्हें उठाने की कोशिश करती रहीं। चेहरे पर लगी प्लास्टिक को हटाने की जद्दोजहद ने माहौल को और भी भावुक कर दिया। बच्चे भी अपने पिता की देह से लिपटकर रोते रहे।शहीद की बेटी वृत्तिका ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “मैं बड़ी होकर पापा की तरह देश की सेवा करूंगी। उनकी मौत का बदला जरूर लूंगी। पाकिस्तान का पूरी तरह से खात्मा होना चाहिए।” उसका यह संकल्प हर भारतीय के दिल को छू गया।