सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे शख्स की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दी है, जिसने बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बरी किए जाने से पहले 12 वर्ष तक जेल में काटे। चौंकाने वाली बात यह है कि इस व्यक्ति को निचली अदालत की तरफ से मौत की सजा सुनाई गई थी और बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसकी सजा बरकरार रखी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। इसी मामले में याचिकाकर्ता ने गलत गिरफ्तारी, मुकदमे और सजा के लिए मुआवजे की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “नोटिस जारी किया जाए, इसे 24 नवंबर तक उत्तरदायी बनाया जाए। हम इस मामले में अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल से न्यायालय की सहायता का अनुरोध करते हैं।

