केंद्र सरकार की एक योजना को लागू करने पर केरल की एलडीएफ सरकार में मतभेद उभर आए हैं। हालात ये हैं कि केंद्रीय योजना का विरोध कर रहे कई मंत्री केरल सरकार की साप्ताहिक कैबिनेट बैठक से भी दूरी बना सकते हैं। हालांकि केरल सरकार के मंत्री जी आर अनिल ने कहा है कि पीएम-श्री योजना को लेकर जारी विवाद से प्रशासन पर कोई असर नहीं होगा।
केरल की एलडीएफ गठबंधन सरकार में सीपीआई और सीपाआईएम, दोनों ही वामपंथी नीतियों को मानने वाली पार्टियां सहयोगी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने मंत्रिमंडल में चर्चा किए बिना ही केंद्र सरकार की पीएम-श्री योजना को राज्य में लागू कर दिया है। इससे दोनों पार्टियों के बीच मतभेद हैं। जब इसे लेकर केरल सरकार के मंत्री जी आर अनिल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘चल रहे मुद्दे का शासन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बात उस स्तर तक नहीं पहुंची है। इससे प्रशासन पर किसी भी कीमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’
रिपोर्ट्स के अनुसार, एलडीएफ सरकार में सीपीआई के मंत्रियों ने पीएम श्री योजना लागू करने पर कड़ा विरोध जताया है और इसके विरोध स्वरूप कई मंत्री साप्ताहिक कैबिनेट बैठक से नदारद रह सकते हैं। इस मुद्दे पर बातचीत के लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और सीपीआई के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम के बीच सोमवार को अलाप्पुझा में बातचीत हुई, लेकिन इस बातचीत में कोई समाधान नहीं निकल सका। बैठक के बाद, विश्वम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘हमने जो मुद्दा उठाया था, वह हल नहीं हुआ है। हमने सीएम के साथ बातचीत की, और यह बहुत सौहार्दपूर्ण थी, लेकिन मुद्दों का कोई समाधान नहीं निकला। इसलिए हमारी चिंता बनी हुई है। अगले कदम के बारे में बाद में बताया जाएगा।’
वामपंथी पार्टियों ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और पीएम-श्री योजना का उनके शुरू होने के बाद से ही विरोध किया है। वामपंथी पार्टियों का आरोप है कि ये योजनाएं शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करने के लिए संघ के बड़े एजेंडे का हिस्सा हैं। सीपीआई का मुख्य आरोप यह है कि राज्य सरकार ने कैबिनेट में बिना किसी चर्चा के एमओयू साइन किया और पार्टी को इसके बारे में सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला। हालांकि, राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि एमओयू केंद्र के एजुकेशन फंड का फायदा उठाने के लिए साइन किया गया था और उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या है पीएम श्री योजना
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 में पीएम-श्री योजना लागू की गई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के तहत वर्तमान स्कूलों में सुधार करके लगभग 14,500 से अधिक PM-SHRI स्कूल स्थापित करने की योजना है। केंद्र और राज्य सरकारों तथा विधानसभा वाले संघशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) के बीच वित्तपोषण का अनुपात 60:40 है।

