सेबू की गवर्नर पामेला बारिकुआत्रो ने कहा हमने बचाव के लिए पूरी तैयारी की थी, लेकिन अचानक आई फ्लैश फ्लड ने सब कुछ बदल दिया। उन्होंने यह भी माना कि लंबे समय से हो रहे खनन और घटिया बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं ने स्थिति और बिगाड़ दी।
राहत मिशन के दौरान हादसा
तूफान से प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने जा रहे फिलीपींस एयरफोर्स के एक हेलीकॉप्टर के अगुसान डेल सुर प्रांत में क्रैश होने से छह जवानों की मौत हो गई। सुपर ह्यूई हेलिकॉप्टर दक्षिणी अगुसान डेल सुर प्रांत के लोरेटो शहर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। पूर्वी मिनडानाओ सैन्य कमान ने अपने एक शुरुआती बयान में कहा था कि हेलिकॉप्टर में सवार वायु सेना कर्मियों को ढूंढने के प्रयास जारी हैं, जो तूफान प्रभावित प्रांतों में मानवीय मदद देने के लिए तैनात किए गए थे। एबीएस-सीबीएन की रिपोर्ट के मुताबिक, हेलिकॉप्टर हादसे में सवार छह कर्मियों की मौत हो गई है।
भारी बारिश और बाढ़ का कहर
सेबू में नदी और नाले उफान पर हैं। कई इलाकों में घर बाढ़ में बह गए। प्रशासन ने प्रांत को ‘राज्य आपदा क्षेत्र’ घोषित कर दिया है ताकि राहत फंड का उपयोग तेज़ी से किया जा सके। भूकंप से बेघर हजारों लोगों को पहले ही मजबूत आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान बच गई। सेबू की गवर्नर ने घटिया निर्माण कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा यहां की बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं की जांच होनी चाहिए। जिनकी वजह से लोगों की जान गई, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए।
120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार दोपहर तक तूफान कलमागी पश्चिमी पालावन प्रांत से आगे बढ़कर दक्षिण चीन सागर की ओर निकल गया। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई, जबकि झोंकों की गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक दर्ज की गई। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि प्रभावित इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है और राहत अभियान को और तेज किया गया है।
अब तक 3,87,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, जबकि 186 उड़ानें रद्द की गई हैं। करीब 3,500 यात्री और ट्रक ड्राइवर बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं। फिलीपींस हर साल लगभग 20 तूफानों और कई भूकंपों का सामना करता है। यहां दर्जनों सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं, जिससे यह दुनिया के सबसे आपदा-प्रवण देशों में से एक है।