(अफ़ज़ल हुसैन)
गुड़गांव :साउथैम्पटन विश्वविद्यालय दिल्ली और मैक्ग्रा हिल इंडिया ने “इंटरनेशनल रिलेशन्स फॉर सिविल सर्विसेज एंड स्टेट सर्विसेज एग्जामिनेशंस” पुस्तक के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया। यह पुस्तक वैश्विक विषयों की गहन समझ विकसित करने और सिविल सेवा परीक्षाओं के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के खंड में सफलता प्राप्त करने के उद्देश्य से तैयार की गई एक व्यापक गाइड है।इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने पुस्तक का अनावरण किया। कार्यक्रम में पुस्तक के लेखक अशोक कुमार, आईपीएस सेवानिवृत्त, पूर्व पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड एवं कुलपति, हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, तथा डॉ. राजेश मोहन, आईपीएस, पुलिस उपायुक्त, गुरुग्राम भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम में डम्मु रवि, आईएफएस, सचिव आर्थिक संबंध, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।इस अवसर पर प्रोफेसर एलोइस फिलिप्स,अकादमिक प्रोवोस्ट, साउथैम्पटन विश्वविद्यालय दिल्ली ने कहा,मैक्ग्रा हिल इंडिया और लेखकों के साथ इस पुस्तक का विमोचन हमारे लिए गर्व की बात है। ‘इंटरनेशनल रिलेशन्स’ सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। साउथैम्पटन विश्वविद्यालय दिल्ली ऐसे ही भावी नेताओं को वैश्विक दृष्टिकोण, कौशल और अकादमिक आधार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ज्ञान, समर्पण और लोक सेवा के इस उत्सव का भाग बनकर मैं प्रसन्न हूं। मैं लेखकों को उनके अकादमिक योगदान के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। यह पुस्तक युवा विद्यार्थियों और सिविल सेवा अभ्यर्थियों को वैश्विक परिप्रेक्ष्य और दृष्टिकोण प्रदान करेगी। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय संबंध आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। आज भारत की विदेश नीति आत्मविश्वास, संतुलन और रणनीतिक परिपक्वता का परिचायक है, जो राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए वैश्विक साझेदारी को प्रोत्साहित करती है।सच्चे अर्थों में कूटनीति केवल राजनीति नहीं, बल्कि मूल्यों, दृष्टि और वैश्विक उत्तरदायित्व की बात है। मैं मैक्ग्रा हिल को इस सारगर्भित और समयानुकूल संस्करण के प्रकाशन के लिए धन्यवाद देता हूं और साउथैम्पटन विश्वविद्यालय को अकादमिक उत्कृष्टता एवं वैश्विक चेतना वाले नागरिकों के निर्माण हेतु बधाई देता हूं।लेखकों ने भी पुस्तक की प्रेरणा और इसके द्वितीय संस्करण के महत्व पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर साउथैम्पटन विश्वविद्यालय दिल्ली के छात्रों को लेखकों के साथ संवाद करने का अवसर भी मिला, जहाँ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों की जटिलताओं और समकालीन वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।कार्यक्रम में नेतृत्व, सहयोग, और वैश्विक प्रबंधन शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय संबंधों की प्रासंगिकता पर भी विचारोत्तेजक चर्चाएँ आयोजित की गईं।

