Jaishankar On LAC: पिछले कई सालों से भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का हल हाल ही में निकला। दोनों देशों की सेना वापस साल 2020 से पहले वाले स्थान पर जाने को राजी हो गए। इस बीच मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा के माध्यम से देश को इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने संसद को जानकारी देते हुए कहा, एलएसी पर हालात सामान्य है। फिलहाल शांति बहाली की कोशिश जारी है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, सीमा पर हालात सुधारने के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि, कोई भी पक्ष स्थिति से छेड़छाड़ नहीं करेगा और सहमति से ही सभी मसलों का समाधान किया जाएगा।
My statement in Lok Sabha regarding ‘recent developments in India’s relations with China’.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 3, 2024
गैरतलब है कि साल 2020 से ही भारत और चीन सी सेना आमने-सामने थी। दोनों देशों के सेनाओं ने LAC के वास्तविक स्थिति को भंग करके अस्थाययी कैंप बना लिया था। दरअसल, चार साल पहले चीन ने भारतीय जमीन पर घुसने की कोशिश की थी। जिसके बाद भारतीय सेना के साथ संघर्ष देखने को मिला था। इस संघर्ष में भारत के कई जवानों की भी शहादत हुई थी। हालांकि, जानकारी के अनुसार, चीन के अधिक जवान इस मुठभेड़ में मारे गए थे। उसके बाद से ही दोनों देशों की सेना LAC पर जहां थी, वहीं कैंप बना लिया था। हालांकि, करीब 4 साल तक कई अधिकारियों के बैठक के बाद मामला सुलझा। और दोनों देशों की सेना वापस पहले वाले जगह पर चले गए।
सेना का हुआ सरहाना
विदेश मंत्री ने कहा कि, एलएसी पर बहाली का पूरा श्रेय सेना को जाता है। उन्होंने आगे कहा कि, कूटनीतिक पहल से सीमा पर हालात सामान्य हुए हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच सहमति बनी है कि यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं किया जाएगा और साथ ही दोनों देशों के बीच पुराने समझौतों का पालन किया जाएगा। सीमा पर शांति के बिना भारत-चीन के संबंध सामान्य नहीं रह सकते।
लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, मैं सदन को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल के कुछ घटनाक्रमों और हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर उनके प्रभावों से अवगत कराना चाहता हूं। सदन को पता है कि 2020 से हमारे संबंध असामान्य रहे हैं, जब चीनी कार्रवाइयों के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द भंग हुआ था। हाल के घटनाक्रम जो तब से हमारे निरंतर कूटनीतिक जुड़ाव को दर्शाते हैं, ने हमारे संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में स्थापित किया है। भारत और चीन ने सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए कई दशकों तक बातचीत की है।